पटना: राज्य सरकार ने एमएलसी आवास निर्माण में लेटलतीफी की जिम्मेदार एजेंसी से काम छीनने और उसे हटाने का निर्णय लिया है. इस मामले में भवन निर्माण विभाग ने अब तक हुए निर्माण कार्य की मापी के लिए छह जनवरी 2023 की तारीख निर्धारित की है. साथ ही निर्माण एजेंसी से करार समाप्त करने संबंधी पत्र भी डेवलपर्स कंपनी को भेज दिया है. कंपनी को निर्माण कार्य के लिए जो राशि दी गई उसमें से जो खर्च हुआ उसे छोड़ शेष पैसा भी वसूला जाएगा.
सूत्रों के अनुसार भवन निर्माण विभाग ने एमएलसी आवास निर्माण की जिम्मेदारी कशिश डेवलपर्स लिमिटेड को अगस्त 2015 में दिया था. इस निर्माण एजेंसी से करार के अनुसार एमएलसी आवास निर्माण अगस्त 2017 तक पूरा कर लिया जाना था.
तय समय सीमा में काम पूरा नहीं होने पर इसकी समयावधि करीब एक साल बढ़ाकर अगस्त 2018 कर दी गई. इसके बाद भी काम पूरा नहीं हुआ. इस कारण निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई करते हुये भवन निर्माण विभाग ने अप्रैल 2019 में कंपनी को डिबार कर दिया और जुलाई 2020 में कंपनी से किया गया करार भी समाप्त कर दिया.
सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई के बाद यह कंपनी जनवरी 2021 में कोर्ट चली गयी. कोर्ट में कंपनी ने आठ महीने में आवास निर्माण का काम पूरा करने का वादा किया. कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी से किये गये करार को बहाल करते हुए विभाग ने आठ महीने में काम समाप्त करने की अनुमति दे दी.
इसके बाद भी 26 अप्रैल, 2022 तक इस परियोजना को पूरा किया जाना था, लेकिन कंपनी को बार-बार कहने के बावजूद काम अधूरा रहा. इसके बाद विभाग ने कंपनी से करार समाप्त करने का फैसला किया है.