Heeraben Modi Biography: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार की अहले सुबह निधन हो गया है. उनका इलाज यूएन मेहता हार्ट अस्पताल में चल रहा था, जहां वह बुधवार से भर्ती थी. पीएम मोदी की मां हीराबेन मोदी ने 102 साल की उम्र में आखिरी सांस लीं. उनकी निधन की खबर सुनकर पीएम मोदी बेहद भावुक हो गए. उन्होंने एक ट्विटर पर पोस्ट भी किया.
दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक हैं. भारत में पीएम मोदी का नाम आज हर कोई जानता है. बच्चा से बच्चा और बड़े-बुजुर्ग भी पीएम मोदी को जानते हैं. ये तो हम सबने देखा है कि पीएम मोदी को अपनी मां से बेहद लगाव था. उन्हें जब भी समय मिलता तो वो अपनी मां के साथ समय बिताया करते थे. आज हम जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का जीवन परिचय के बारे में…
पीएम की मां हीराबेन मोदी का पूरा नाम हीराबेन दामोदर दास मोदी है. उनका जन्म 1920 में हुआ था. हीराबेन गुजरात के गांधीनगर में रहती थीं. इनका गृहनगर गुजरात के मेहसाना में वड़नगर में है. हीराबेन के पति यानी पीएम मोदी के पिता जी का नाम स्व. दामोदर दास मूलचंद मोदी है. हीराबेन के पांच बेटा और एक बेटी है. बेटो के नाम- 1. सोमा मोदी 2. अमृत मोदी 3. नरेंद्र मोदी 4. प्रह्लाद मोदी 5. पंकज मोदी है. जबकि बेटी का नाम वासंती बेन हसमुख लाल मोदी है. साल 1920 में हीराबेन मोदी का जन्म हुआ था। अभी उनकी उम्र 102 साल है.
हीराबेन मोदी के पति दामोदर दास मूलचंद मोदी अब इस दुनिया में नहीं हैं. एक जानकारी के अनुसार दामोदर दास मोदी पहले वड़नगर में सड़क पर स्टॉल लगाया करते थे. इसके बाद वो रेलवे स्टेशन पर चाय भी बेचने का काम किया करते थे. इस बात का जिक्र कई बार पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी किया है.
नरेंद्र मोदी अक्सर अपनी मां हीराबेन मोदी से मिलने के लिए अक्सर गुजरात जाया करते थे. इस बात को लेकर भी कई बार नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जा चुका है. नरेंद्र मोदी अपनी मां से बेहद प्यार करते हैं. वो अपनी मां के जन्म दिन पर या खुद के जन्मदिन पर अपनी मां का आशीर्वाद लेने जाया करते थे. इस बात पर विपक्ष ने कई बार मोदी को निशाना बनाया और उनकी आलोचना की. सबसे ज्यादा विपक्ष ने नोटबंदी के समय हीराबेन और पीएम मोदी पर निशाना साथा.
मोदी अपनी मां के बेहद करीब थे, पीएम के इंटरव्यू में आपने कई बार देखा होगा कि वो हमेशा अपनी मां का जिक्र करते थे. जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तो वे सबसे पहले अपनी मां से मिलने गुजरात पहुंचे थे. मां से मिलते ही मोदी ने उनके पैर छुए और मां ने मोदी को दोनों हाथों से गोद में भरकर आशीर्वाद दिया था. उसके बाद दोनों साथ बैठकर काफी देर तक बातें करते रहे. हीराबेन ने बातचीत के दौरान ही अपने बेटे को मिठाई भी खिलाई थी. पीएम बनने के बाद अपने जन्मदिन पर मोदी जी बिना सुरक्षा के उनसे मिलने गांधीनगर पहुंचे थे. इसी मौके पर मां ने जम्मू-कश्मीर के लिए पीएम मोदी को पांच हजार रुपये दान की थीं.
मोदी ने अपने मां के लिए एक दिल को छू देने वाली एक चिट्ठी लिखी थी. पीएम ने लिखा कि घर चलाने के लिए दो चार पैसे ज्यादा मिल जाएं, इसके लिए मां दूसरों के घर में बर्तन भी मांजा करती थीं. इसके अलावा वो समय निकालकर चरखा भी चलाया करती थीं क्योंकि उससे भी कुछ पैसे जुट जाते थे. कपास के छिलके से रूई निकालने का काम करती और फिर रुई से धागे बनाने का काम भी मां किया करती था. मोदी कहते थे कि उन्हें डर लगता था कि कहीं मां के हाथ में कपास के कांटे न चुभ जाए.
पीएम मोदी ने बताया कि मां से कम ही बात हुआ करती थी, लेकिन वो इस बात से कभी नाराज नहीं होती थी. वो फोन पर एक बात हमेशा कहती थीं कि देख भाई, कभी कोई गलत काम मत करना, बुरा काम मत करना, हमेशा गरीब के लिए काम करना. साथ ही कहती थीं कि मेरी चिंता मत किया करो, तुम पर बड़ी जिम्मेदारी है. पीएम मोदी ने कहा परिस्थितियां कैसी भी रहे गरीबी से जूझते हुए मेरे माता-पिता ने ना कभी ईमानदारी का रास्ता छोड़ा ना ही अपने स्वाभिमान से समझौता किया.