पटना. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने दूसरी पाली में हुए पेपर लीक मामले में साक्ष्य की मांग की है. आयोग ने कहा है कि अगर पुख्ता सबूत मिले, तो वह आगे की कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रमाणिक साक्ष्य मिलने पर तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक ) प्रतियोगिता परीक्षा 2022 रद्द हो सकती है. पहले दिन की पहली पाली की परीक्षा में पेपर लीक के सबूत पाए जाने के बाद उसे रद्द कर दिया गया था, लेकिन दूसरी पाली में भी पेपर लीक होने की बात उजागर होने के बाद पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग की जा रही है.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट में अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाते हुए कहा गया है कि आश्वस्त किया जाता है कि परीक्षा की सूचिता एवं स्वच्छता तथा अभ्यर्थियों का हित आयोग के लिए सर्वोपरि है. इसे सुनिश्चित करना आयोग का मुख्य दायित्व है. प्रेस नोट के जरिए आयोग ने जो बातें कहीं हैं उसके मुताबिक पेपर लीक की खबरें महज अफवाह हैं. आयोग का मानना है कि ऐसा केवल भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन आयोग ने तीन दिनों का समय दिया है, अगर इस बीच पेपर लीक संबंधित कोई पुख्ता सबूत मिलता है, तो आगे परीक्षा को रद्द किया जाना भी संभव है.
बीएसएससी की ओर से बुधवार को जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक ) प्रतियोगिता परीक्षा 2022 द्वितीय एवं तृतीय चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने की भी अफवाहे संज्ञान में आ रही हैं. इस परीक्षा से संबंधित परीक्षार्थियों एवं आम लोगों से अनुरोध है कि उक्त परीक्षा के द्वितीय एवं तृतीय चरण के प्रश्न पत्रों के लीक होने के संबंध में जिस किसी के पास भी प्रमाण / सक्ष्य उपलब्ध हो, तो उन्हें बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना को अपने पूर्ण पत्ता, मोबाईल नं० सहित देते हुए आयोग के ई-मेल आई०डी० secybssc@gmail.com पर या पंजीकृत डाक द्वारा तीन दिनों के अंदर भेज सकते हैं, ताकि उसकी सूक्ष्मता एवं गहराई से जांच कर आवश्यक अग्रेतर कार्रवाई की जा सके.
आयोग की तरफ से यह भी कहा गया है कि उक्त सूचना प्रमाण सहित आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना को भी भेजी जा सकती है, ताकि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इसकी जांच एवं आवश्यक कार्रवाई की जा सके. आयोग की तरफ से कहा गया है कि कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए उक्त परीक्षा के संबंध में कई भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही हैं. ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाये और किसी के बहकावे में न आयें. अगर अनियमितता हुई है और किसी के पास साक्ष्य है तो आयोग कार्रवाई करने को कृतसंकल्प है.