Hemant Soren Govt @ 3 Years: झारखंड बदल रहा है. प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण, किसानों की समृद्धि के साथ-साथ ढांचागत सुधारों पर सरकार जोर दे रही है. हेमंत सोरेन ने झारखंड विद्युत वाहन नीति 2022, झारखंड इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2022 और झारखंड औद्योगिक पार्क एवं लॉजिस्टिक नीति 2022 लागू की है. इसे राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि ये तीन नीतियां झारखंड के सुनहरे भविष्य की मजबूत आधारशिला रखने में अहम भूमिका निभायेंगी. इससे लोगों के जीवन स्तर में तो सुधार आयेगा ही, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी झारखंड आगे बढ़ेगा. साथ ही आने वाली पीढ़ी के भविष्य को भी सुदृढ़ बनाया जा सकेगा.
राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा के उद्देश्य से संकर एवं विद्युत वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक विकास के लिए भी जरूरी है. झारखंड इलेक्ट्रिक ह्विकल पॉलिसी 2022 का उद्देश्य झारखंड में वर्ष 2030 तक आईसीई इंजन आधारित वाहनों इलेक्ट्रिक वाहनों से रिप्लेस करना है. झारखंड में वर्ष 2027 तक बैटरी के निर्माण के लिए एक बड़ी परियोजना शुरू की जायेगी. सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी. ऐसे वाहनों की वजह से पर्यावरण को भी कम नुकसान होगा. झारखंड विद्युत वाहन नीति 2022 के तहत आकर्षक अनुदान दिये जायेंगे, जिससे बिजली से चलने वाले वाहनों को अपनाने के लिए लोग प्रेरित होंगे.
झारखंड सरकार ने एक और नीति बनायी है- झारखंड इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2022. इसका उद्देश्य न्यूनतम जीवाष्म ईंधन और अधिकतम जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है. इस वक्त झारखंड प्रदेश में 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल हो रहा है. वर्ष 2025 तक इसे बढ़ाकर 40 फीसदी करने की योजना है. यानी वर्ष 2025 में पेट्रोल में 40 फीसदी तक इथेनॉल को मिक्स किया जा सकेगा. इससे न केवल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि महंगाई पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि जैव ईंधन का निर्माण गन्ना के छिलके, मक्का आदि जैसे कृषि उत्पादों से होता है. इसकी खपत बढ़ेगी, तो राज्य के किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर इसका लाभ मिलेगा.
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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने तीसरी और बेहद महत्वपूर्ण नीति बनायी है, जिसका नाम है – झारखंड औद्योगिक पार्क एवं लॉजिस्टिक नीति. इस नीति को आर्थिक मजबूती के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. सरकारी और निजी संस्थान मिलकर राज्य में औद्योगिक पार्क एवं लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करेंगे. इससे उत्पाद और उत्पादकता के लिए किसी अन्य राज्य पर निर्भरता खत्म हो जायेगी. इसके बाद जो फायदा होगा, उसका लाभ सीधे तौर पर राज्य के लोगों को ही मिलेगा. इस नीति से राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन भी होगा. यह नीति वर्तमान में उपलब्ध माल गोदाम एवं लॉजिस्टिक्स संरचना को बढ़ावा देने, उत्क्रमित करने में बहुत प्रभावी सिद्ध होंगे.
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हेमंत सोरेन के नेतृत्व में वर्ष 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन वाली महागठबंधन सरकार अस्तित्व में आयी थी. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में 29 दिसंबर 2019 को शपथ ली थी. 29 दिसंबर 2022 को सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. इससे पहले हेमंत सोरेन ने आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को जानकारी दी. 15 नवंबर को रांची के मोरहाबादी में आयोजित झारखंड स्थापना दिवस समारोह से उन्होंने ढेर सारी योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास और उद्घाटन किया. 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन प्रदेश के लोगों को 1200 करोड़ रुपये की सौगात देंगे. किसानों के खाते में सूखा राहत योजना के पैसे भेजे जायेंगे, तो स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति भी दी जायेगी.