राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को ‘बहुत ठंडा दिन’ दर्ज किया गया और दिल्ली का न्यूनतम तापमान देहरादून, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे पहुंच गया. विभाग के अनुसार, ‘ठंडा दिन’ तब माना जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए. अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक कम होने पर उसे ‘बेहद ठंडा दिन’ माना जाता है.
दिल्ली में सोमवार को ‘बेहद ठंडा दिन’ था, क्योंकि अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया था. दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान करीब 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. इसकी तुलना में देहरादून में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस, धर्मशाला में 6.2 डिग्री सेल्सियस और नैनीताल में 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मौसम वैज्ञानिकों ने दिन के तापमान में इस गिरावट के लिए मैदानी इलाकों से गुजरने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं और कोहरे के मौसम के कारण कम धूप निकलने को जिम्मेदार ठहराया है. ‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं अब मैदानी इलाकों में बह रही हैं.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों समेत पश्चिमोत्तर भारत के व्यापक हिस्सों में मंगलवार को घने से बेहद घना कोहरा छाया रहा. राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता गिरकर केवल 50 मीटर तक रह गई और सड़क यातायात और ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई. पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में कोहरा छाया रहा, जहां मंगलवार को भी कड़ाके की ठंड रही.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है.
(भाषा- इनपुट के साथ)