झारखंड में कई जगहों पर इंदू मिश्रा की मधुबनी पेंटिंग खूबसूरती बढ़ाने में योगदान दे रही है. इनकी बनायी पेंटिंग झारखंड बार एसोसिएशन, सीआरपीएफ बोकारो-जमशेदपुर और बैंक ऑफ इंडिया, बोकारो जैसी जगहों पर देखी जा सकती है. इंदू मिश्रा राजधानी के कांके रोड, जवाहरनगर कॉलोनी की रहनेवाली हैं. इनकी मधुबनी पेंटिंग को देश के कई हिस्सों के अलावा विदेशों में भी सराहना मिल रही है. हाल में ही वह ललित कला अकादमी दिल्ली से अपनी मधुबनी पेंटिंग का प्रदर्शन करके लौटी हैं. अब तक देश-विदेश समेत सोलो एवं ग्रुप में 36 पेंटिंग शो कर चुकी हैं. जिसकी काफी सराहना मिली है.
इंदू मूल रूप से पटना की रहने वाली हैं. पटना से स्कूलिंग और गुवाहाटी से स्नातक की पढ़ाई हुई. बचपन से ही बिहार की लोककला मधुबनी पेंटिंग के प्रति ललक थी. उन्होंने मधुबनी पेंटिंग को अपने अंदाज में पेश किया. हालांकि आज भी कई आर्टिस्ट फ्यूजन के साथ मधुबनी पेंटिंग कर रहे हैं, लेकिन इंदू का मानना है कि इससे मधुबनी पेंटिंग का मूल खत्म हो रहा है.
इसलिए अपने बिहार की लोक कला को विश्व पटल पर लाने के लिए उन्होंने मधुबनी पेंटिंग पर काम करना शुरू किया और उसे पहचान देकर अपनी पहचान बनायी. अपनी पेंटिंग का पहला प्रदर्शन बोकारो में किया. पति हर्षनाथ मिश्रा के सहयोग और लोगों की सराहना ने आगे बढ़ने की हिम्मत दी.
फिर जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम रांची में पेंटिंग का स्टॉल लगाया. वहीं ऑफ द वॉल गैलरी जमशेदपुर के बाद आर्ट देश स्टुडियो मुंबई में शो किया. यहां अनुपम खेर और मनीष मल्होत्रा जैसे सेलिब्रिटी ने उनकी मधुबनी पेंटिंग की सराहना की. वहां एक दिन में सात पेंटिंग बिकी.
इनकी पेंटिंग की सराहना बॉलिवुड कलाकारों ने भी की है. कई सितारों के आवासों में इनकी बनायी मधुबनी पेंटिंग प्रदर्शित हैं. इनके द्वारा निर्मित मधुबनी पेंटिंग की बारीकियों में इनकी प्रतिभा साफ झलकती है. जिसके लिए वह केवल ब्रश का प्रयोग करती हैं. आम तौर पर अब इस पेंटिंग के लिए पेन और नीब का प्रयोग हो रहा है. लेकिन इस पेंटिंग की कारीगरी ब्रश से ही उभरती है. इस योगदान के लिए इन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं. जिसमें 2019 में अग्निपथ कला रतन अवार्ड फॉर परफॉरमिंग आर्ट, यूथ आइकॉन अवार्ड, वीमेंस कांक्लेव अवार्ड फॉर बेस्ट आर्टिस्ट मधुबनी और रानी लक्ष्मी बाई कला अवार्ड मुख्य हैं.