Hemant Soren Govt 3 Years: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने वादे के अनुसार 1932 के खतियान (1932 Ka Khatiyan) को लेकर मजबूत इरादा दिखाया. लंबे समय से खतियान आधारित स्थानीयता की मांग की जा रही थी. मुख्यमंत्री ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया और 11 नवंबर 2022 को 1932 का खतियान विधेयक पारित करा दिया.
11 नवंबर 2022 रहा खास दिन
11 नवंबर 2022 झारखंड के लिए खास दिन रहा. इस दिन विधानसभा के विशेष सत्र में खतियान आधाारित स्थानीय नीति को नियोजन से जोड़ दिया गया. झारखंड में 1932 या उसके पूर्व की खतियानी पहचान वाले झारखंडियों को ही राज्य में तृतीय और चतुर्थवर्ग की नौकरी मिल पायेगी. 11 नवंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा तय करनेवाला बिल पारित किया.
1932 का खतियान बिल विधानसभा से पास
झारखंड में 1932 का खतियान पर स्थानीयता की लंबे समय से मांग थी. इस पर सरकार ने गंभीरता भी दिखायी और विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन कर इससे जुड़ा विधेयक हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा से पारित करा लिया. विपक्ष की ओर से इसमें कई संशोधन आये. प्रवर समिति को भेजने का भी प्रस्ताव आया, लेकिन विनोद सिंह के संशोधन को छोड़कर किसी भी प्रस्ताव को मानने से सरकार ने इनकार कर दिया.
स्थानीयता की नीति को नियोजन नीति से जोड़ा
विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सिर्फ विधायक विनोद सिंह के संशोधन को स्वीकार किया. विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने विधेयक में थर्ड एवं फोर्थ ग्रेड की नौकरी को स्थानीयता की नीति को नियोजन नीति से जोड़ा. उन्होंने कहा कि 1932 का खतियान जिन लोगों के पास होगा, वे लोग ही थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी के पात्र होंगे.