रांची: कोरोना के बढ़ते मामले के बीच सामान्य फ्लू का संक्रमण लोगों को डराने लगा है. सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित लोग ए-सिम्टोमेटिक मानकर सरकारी और निजी अस्पताल में परामर्श लेने पहुंच रहे हैं. वहीं, अस्पतालों के ओपीडी में पहुंचे 40 फीसदी मरीज सामान्य फ्लू से पीड़ित ही हैं. रिम्स के मेडिसिन विभाग में 180 से 200 मरीजों में से करीब 70 मरीज सामान्य फ्लू से पीड़ित वाले ही हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि डॉक्टरों की जांच में ऑक्सीजन सेचुरेशन और छाती में संक्रमण ज्यादा नहीं मिल रहा है, जिससे अभी खतरा ज्यादा नहीं है.
ऐसे मरीजों को ओपीडी से ही दवा देकर घर भेज दिया जा रहा है. मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने बताया कि ठंड के मौसम को हेल्दी मौसम माना जाता है, लेकिन कुछ दिनों से सामान्य फ्लू के मरीज अचानक बढ़ गये हैं. इन मरीजों को ए-सिम्टोमैटिक मानकर ही इलाज करना होगा, क्योंकि दवाएं एक तरह की हैं. निमोनिया के मरीज भी आ रहे हैं. प्रत्येक इमरजेंसी में पांच से छह मरीज भर्ती हो रहे हैं. कोविड जांच होने पर कई की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जायेगी.
फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ निशीथ कुमार ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सबसे ज्यादा चिंता गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को करनी चाहिए, क्योंकि कोरोना से संक्रमित हाेने से उन पर खतरा बढ़ जाता है. हार्ट, किडनी, अस्थमा, सीओपीडी और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए.
कोरोना को लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. कोरोना से लोग परिचित हैं, ऐसे में सिर्फ पुरानी गाइडलाइन का पालन करना है. मास्क और सामाजिक दूरी के साथ-साथ हाथों की सफाई जरूरी है.
डॉ पीके भट्टाचार्या, क्रिटिकल विशेषज्ञ
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रिम्स और सदर अस्पताल के ओपीडी में अचानक सामान्य फ्लू के 40 फीसदी मरीज बढ़े
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मास्क लगायें और हल्की दूरी अवश्य बनायें, सतर्क रहें
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विशेषज्ञों का कहना कि जांच हुई, तो अधिकतर मिलेंगे कोविड पॉजिटिव