गया के दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता है. उन्होंने अकेले करीब 25 फीट ऊंचा पर्वत का सीना चीर कर 360 फीट लंबी और 30 फुट चौड़ी सड़क बना दी, जिसके बाद उनके नाम के साथ ‘माउंटेन मैन’ जुड़ गया. इसी तरह बाघमारा प्रखंड की धर्माबांध पंचायत के नीचे देवघरा ग्रामीणों ने भी गांव से महुदा की दूरी कम करने के लिए पहाड़ काट कर रास्ता बनाने का संकल्प लिया है.
ग्रामीणों ने गैंता-कुदाल तथा जेसीबी की मदद से उबड़-खाबड़ रास्ते को समतल बनाने और पहाड़ी को काटने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल नीचे देवघरा के ग्रामीण छह किमी की दूरी कर महुदा आना-जाना करते हैं. पहाड़ी काटने के बाद गांव से महुदा के बीच की दूरी मात्र दो किमी रह जायेगी.
पिछले दो सप्ताह से ग्रामीण लगातार रास्ता बनाने में लगे हुए हैं. नीचे देवघरा की कुल आबादी 1500 है, जिसमें 50 प्रतिशत आदिवासी हैं. बाकी 50 प्रतिशत आबादी में रवानी, रजवार, कुम्हार तथा अन्य जातियां शामिल हैं. इनमें से अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद किसी सांसद, विधायक और मुखिया ने इस ओर प्रयास नहीं किया है.
गांव के बच्चे रेल पटरी के बगल में बनी पगडंडी से स्कूल जाते हैं, जिससे कई बार दुर्घटना हो चुकी है. गांव के लोगों को किसी वाहन से ले जाना पहाड़ चढ़ने के बराबर है. ऐसे में सभी ने मिलकर संकल्प लिया और वर्तमान मुखिया मीना देवी को इससे अवगत कराया. मुखिया मीना देवी, मुखिया प्रतिनिधि धीरेन रवानी भी इस कार्य में सहयोग के लिए तैयार हो गये. उप मुखिया लक्ष्मी बेसरा के साथ दर्जनों ग्रामीण इस कार्य में लगे हुए हैं.
रिपोर्ट- अजय राणा