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भागलपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का काम इस वजह से रुका, शहर वासियों के सपनों पर फिर रहा पानी

भागलपुर जिले में रहने वाले मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सुविधा मिलने में देरी लगेगी. इसका कारण अस्पताल को मिलने वाले फंड का अभाव है.

भागलपुर: जिले में रहने वाले मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सुविधा मिलने में देरी लगेगी. इसका कारण अस्पताल को मिलने वाले फंड का अभाव है. इस फंड से कई काम होने वाले थे. अस्पताल को 30 करोड़ की जरूरत है. इसके लिए कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी. पिछले आठ माह में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने आधे दर्जन पत्र राज्य सरकार को भेज चुका है. इस क्रम में निरीक्षण में आये मंत्री व अधिकारियों को भी मांग पत्र सौंपा गया है.

माह पहले तीस करोड़ हो गया था वापस

आठ माह पहले जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के बैंक खाते में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए तीस करोड़ की राशि मिली थी. इस राशि का उपयोग नहीं की गयी थी. जिस मद के लिए फंड को रखा गया था, उसका काम उस वक्त नहीं था. अचानक राज्य सरकार ने तीस करोड़ वापस ले लिया. इसकी जानकारी तब हुई, जब 10 जून को केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचे थे. उसी वक्त से फंड को वापस लाने का प्रयास हो रहा है.

एडिशनल सेक्रेटरी के सामने भी समस्या को रखा

एक माह पहले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निरीक्षण करने एडिशनल सेक्रेटरी पहुंचे थे. इसमें तीस करोड़ रुपया का मामला सामने आया. एडिशनल सेक्रेटरी ने मुख्यालय से तत्काल बात कर फंड को जल्द देने के लिए कहा था. साथ ही अधिकारी ने मेडिकल कॉलेज प्रचार्य से कहा था कि एक बार फिर से आप फंड को लेकर पत्र दे. बावजूद फंड को वापस नहीं किया गया.

वहीं रविवार को मायागंज अस्पताल आये केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के बारे में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से पूछा. इनके सामने भी फंड की बात रखी गयी. केंद्रीय मंत्री ने पत्र मांगा और कहा इस पर राज्य सरकार से बात करेंगे.

आखिर तीस करोड़ से क्या होगा काम

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का ओपीडी जल्द से जल्द शुरू हो, इसका प्रयास स्थानीय अधिकारी कर रहे है. तीस करोड़ फंड से ओपीडी में डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी व मरीज के लिए फर्नीचर लगाया जाना है. इसमें काउंटर, कुर्सी, टेबल, बेड, सामान्य मेडिकल उपकरण समेत अन्य महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी होनी है. जब तक ये सामान उपलब्ध नहीं होगा, तब तक ओपीडी शुरू नहीं होगा.

भवन का 98 प्रतिशत काम पूरा

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भवन का काम 98 प्रतिशत हो गया है. अब कुछ दिनों में भवन को विभाग के हाथ में दे दिया जायेगा. इसके बाद यहां मरीज का इलाज आसानी से की जा सकती है.

अब तक नहीं नियुक्त हुए है चिकित्सक

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्य करने के लिए चिकित्सक, नर्स व कर्मी की जरूरत है. इसके लिए कितने चिकित्सक, नर्स एवं कर्मी की जरूरत है. इसकी सूची सरकार को छह माह पहले भेजा जा चुका है. अब तक सरकार ने इनकी नियुक्ति नहीं किया है. ऐसे में अस्पताल में आने वाले मरीजों को कैसे इलाज की सुविधा मिलेगी, यह भी सवाल है.

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में होगा यह विभाग

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में छह विभाग मुख्य रूप से काम करेगा. नेफ्रोलाजी, कार्डियालाजी, काडियेक वेस्कुलर सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलाजी व ट्रामा एंड इमरजेंसी एवं सर्जरी विभाग मुख्य है.

अस्पताल का भवन लगभग तैयार हो चुका है. अब फर्नीचर के लिए तीस करोड़ का फंड चाहिए. सरकार को पत्र लिखा जा चुका है. फंड आने के बाद यहां तेजी से काम आरंभ कर दिया जायेगा. जल्द से जल्द इलाज आरंभ हो इसके प्रयास के हम लोग लगे है- डॉ. उमा शंकर सिंह, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य

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