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Indian Economy: विकसित देश बनने में भारत को कितना समय लगेगा? RBI के पूर्व गवर्नर ने लगाया यह अनुमान

आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार पांच लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचाना एक निकट अवधि वाला आकांक्षी लक्ष्य है. इसकी वजह यह है कि उस स्थिति में भी देश की प्रति व्यक्ति आय 3,472 डॉलर ही होगी जिससे इसे एक मध्यम आय वाला देश ही माना जाएगा.

Ex-RBI Governor C Rangarajan on Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा है कि भारत को विकसित देश का दर्जा पाने के लिए दो दशकों से भी अधिक समय तक लगातार आठ-नौ प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर रखनी होगी.

रंगराजन ने यहां ‘आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन’ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार पांच लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचाना एक निकट अवधि वाला आकांक्षी लक्ष्य है. इसकी वजह यह है कि उस स्थिति में भी देश की प्रति व्यक्ति आय 3,472 डॉलर ही होगी जिससे इसे एक मध्यम आय वाला देश ही माना जाएगा.

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उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के बाद भी भारत को एक उच्च मध्य आय वाला देश बनने में दो साल का वक्त और लगेगा. उन्होंने कहा, “इसके अलावा एक विकसित देश बनने के लिए भारत की प्रति व्यक्ति आय कम-से-कम 13,205 अरब डॉलर होनी चाहिए. उस मुकाम तक पहुंचने के लिए देश को दो दशक से भी अधिक समय तक आठ से लेकर नौ प्रतिशत तक की मजबूत वृद्धि दर रखनी होगी.

रंगराजन ने कहा कि कुल उत्पादन के हिसाब से देखें तो भारत इस समय दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कि अपने-आप में एक असरदार उपलब्धि है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की रैंकिंग के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 197 देशों में से 142वें स्थान पर मौजूद है.

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उन्होंने नीति-निर्माताओं को अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने पर ध्यान देने की सलाह देते हुए कहा, पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि सिर्फ एक निकट अवधि का आकांक्षी लक्ष्य है. हालांकि इस उपलब्धि को भी हासिल करने के लिए न्यूनतम पांच वर्षों तक नौ प्रतिशत की सतत वृद्धि रखनी होगी.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व प्रमुख रह चुके रंगराजन ने ने कहा कि इस लक्ष्य तक पहुंचने पर भी देश की प्रति व्यक्ति आय 3,472 डॉलर ही होगी और भारत को एक निम्न मध्य आय वाला देश ही माना जाएगा. उन्होंने कहा, यह बहुत साफ है कि हमें एक लंबा सफर तय करना है. इससे यह भी पता चलता है कि हमें तेजी से दौड़ लगानी होगी.

उन्होंने कोविड-19 महामारी से जुड़ी चुनौतियों और रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत के विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, शुरुआत में हमें वृद्धि दर को सात प्रतिशत पर ले जाना होगा और फिर इसे आठ से नौ प्रतिशत तक पहुंचाना होगा. ऐसा हो पाना संभव है और भारत पहले यह दिखा भी चुका है कि लगातार छह-सात साल तक वह एक सतत वृद्धि कर सकता है.

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