मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की शादी कराने का मामला सामने आया है. बच्ची की शादी कराने वाले माता पिता का कहना है कि समाज के लोगों से बेटी को इतना ताना मिलता था कि उससे पूरा परिवार परेशान हो गया था. खुद लड़की भी डिप्रेशन में जा रही थी. बताया जा रहा है कि पूरा मामला तब सामने आया जब चाइल्ड लाइन की दो सदस्यीय टीम ने पीड़ित बच्ची के घर पर जाकर जांच की.
13 जुलाई को पीड़िता की हुई थी शादी
पूछताछ में उसकी मां ने बताया कि अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी स्थित एक मंदिर में 13 जुलाई 2022 को बच्ची की शादी हुई है. उसका पति समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. बच्ची के विद्यालय की नामांकन पंजी व जन्म प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 17 जुलाई 2008 अंकित है. ऐसे में चाइल्ड लाइन के केंद्र समन्वयक उदय कुमार शर्मा के जांच प्रतिवेदन पर महिला थानेदार ने बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत यह कार्रवाई की है. केस की जांच दारोगा सुनीता कुमारी करेंगी. चाइल्ड लाइन की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला थाने में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग बच्ची के बाल विवाह की जानकारी दी गयी है. जांच के लिए उदय कुमार शर्मा व पिंकी देवी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम पहुंची. बच्ची की मां से शादी की सूचना पुलिस को दिये जाने के बारे में पूछताछ की गयी, तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
क्या है मामला
नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला 31 जनवरी 2022 को नगर थाने में दर्ज किया गया. पुलिस प्राथमिकी के बाद से आरोपित को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इधर, परिजनों ने पुलिस को सूचना दिये बिना उसकी शादी समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के एक युवक से कर दी. इधर, आरोपित ने अपनी जमानत के लिए हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इसमें बच्ची की शादी का फोटो भी लगाया गया. हाइकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद महिला थाने की पुलिस ने जांच शुरू की, तो मामला पता चला. इसके बाद चाइल्ड लाइन से जांच करायी गयी, तो मामला सत्य पाया गया. इसके बाद दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता व पति पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
हमने एफआइआर को लेकर नहीं दिया आवेदन
चाइल्ड लाइन के समन्वयक उदय शंकर शर्मा ने बताया कि उसने एफआइआर के लिए थाने में आवेदन नहीं दिया है. उससे महिला थानेदार ने पत्र लिखकर जांच करने का आग्रह किया था. उसी की रिपोर्ट दी थी. अगर उनको एफआइआर दर्ज करानी होगी, तो सीधे एसडीओ के पास आवेदन देते.