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मिर्जाचौकी से जीरो माइल भागलपुर तक हो रही गिट्टी की तस्करी, माफियाओं के सिर पर पुलिस और दबंगों का हाथ

झारखंड में कड़ाई के बाद भागलपुर के गिट्टी के माफिया-तस्कर गैंग के लोगों की काली कमाई में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है. यहां मिर्जाचौकी से पीरपैंती, कहलगांव, सबौर-जीरो माइल तक जम कर तस्करी हो रही है. इन तस्करों को किसी का खौफ नहीं है. क्यों कि इनके सिर पर इलाके के दबंगों और पुलिस का हाथ हैं.

*****प्रभात खबर एक्सपोज****

प्रभात खबर टोली, भागलपुर: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की ओर से झारखंड में 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले के पर्दाफाश, तत्कालीन खान सचिव आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल का निलंबन व गिरफ्तारी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी होने जैसे चर्चित घटनाक्रम के बाद झारखंड में अवैध खनन मामले में कड़ाई बरती जा रही है. इसका सीधा असर वैध तरीके से गिट्टी और स्टोन चिप्स की उपलब्धता पर पड़ा यानी ‘गिट्टी संकट’ पैदा हुआ. नतीजा भागलपुर जिले में वर्षों से जारी गिट्टी के अवैध कारोबार को और मजबूती मिली.

तस्कर गैंग के लोगों की काली कमाई में अभूतपूर्व इजाफा

गिट्टी के काले धंधे में जुटे माफिया-तस्कर गैंग के लोगों की काली कमाई में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है. गिट्टी के काले धंधे में जुटे इन माफियाओं-तस्करों को स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली लोगों के साथ-साथ ‘खाकी’ व ‘खादी’ का खुला समर्थन मिल रहा है.

पूरे हनक के साथ हो रही गिट्टी की तस्करी

कहलगांव से पीरपैंती, मिर्जाचौकी तक पूरे हनक के साथ गिट्टी की तस्करी हो रही है. झारखंड के साहेबगंज व मिर्जाचौकी से बिना माइनिंग चालान के ओवरलोडेड गिट्टी लदे ट्रकों की खेप पीरपैंती के रास्ते भागलपुर समेत कोसी के विभिन्न इलाकों में पहुंच रही है. माफिया के सहयोग से ओवरलोडेड ट्रकों की इंट्री कराने के साथ इसे संचालित अवैध डिपो तक पहुंचाया जा रहा है. बिना माइनिंग चालान या फर्जी चालान के आधार पर सैकड़ों सीएफटी गिट्टी व स्टोन चिप्स का अवैध कारोबार हर रोज हो रहा है.

करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति

ट्रक पर लदी गिट्टी के अनुरूप माइनिंग चालान नहीं होने से हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है. गिट्टी माफिया परिवहन अधिनियम, बिक्री कर और बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण) नियमावली-2021 की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. गिट्टी के अवैध कारोबार को पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्र के कुछ दबंगों का भी संरक्षण प्राप्त है.

हर रोज 60 लाख की वसूली

मिर्जाचौकी (झारखंड) से बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती, कहलगांव, घोघा, एकचारी व सबौर समेत कई इलाकों में ‘कुकुरमुत्ता’ की तरह पत्थर के अवैध डिपो खुल गये हैं. इसमें स्थानीय पुलिस-प्रशासन व खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. झारखंड स्थित मिर्जाचौकी से बिना माइनिंग चालान या फर्जी चालान के ओवरलोडेड गिट्टी लदे ट्रकों की खेप भागलपुर के पीरपैंती, शिवनारायाणपुर, विक्रमशिला, कहलगांव, घोघा व एकचारी समेत अन्य स्थानों में संचालित अवैध डिपो तक पहुंच रही है. सही चालान व अंडरलोड गिट्टी गाड़ियों को तो परेशान नहीं किया जाता. परंतु ओवरलोड व बिना चालान वाले गिट्टी वाहनों के लिए प्रत्येक थाना क्षेत्रों में रेट फिक्स है.

हर एक चेक पोस्ट पर एक-एक व्यक्ति तैनात

इसके लिए बकायादा हरेक चेक पोस्ट पर एक-एक व्यक्ति तैनात है, जो उक्त गाड़ियों से राशि की वसूली करते हैं. पीरपैंती से कहलगांव होते हुए एकचारी, सबौर व जीरो माइल तक प्रत्येक गाड़ियों से 2000 रुपये तक की वसूली होती है. वर्तमान में पीरपैती, शिवनारायणपुर, एकचारी तक 100-100 रुपये की वसूली होती है, जबकि सबौर व जीरो माइल में 200 से 500 रुपये तक की वसूली होती है. यहां तक की किसी-किसी गाड़ी से तो 5000 रुपये तक वसूली हो रही है. ऐसे में इन क्षेत्रों से हर दिन औसतन 2000 से 3000 गाड़ियां पास हो रही हैं. औसतन प्रति गाड़ी 2000 रुपये की वसूली मान कर चलें, तो हर दिन करीब 60 लाख रुपये की अवैध वसूली हो रही है.

कहलगांव के सिंडिकेट का किंगपिन है ‘अमित’

पीरपैंती-कहलगांव में सर्वाधिक अवैध डिपो संचालित हैं. कहलगांव में गिट्टी के अवैध कारोबार का मास्टर माइंड ‘अमित’ बताया जाता है. जो पिछले कई वर्षों से इस अवैध कारोबार को बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से संचालित कर रहा है. जानकारी के मुताबिक पीरपैंती से कहलगांव व घोघा तक चल रहे अवैध डिपो संचालक, इसी के एजेंट बताये जाते हैं.

वहीं झारखंड के मिर्जाचौकी से गिट्टी निकालने में एस सिंह, एन सिंह, पी सिंह, टी भगत आदि का नाम सर्वविदित है. 35-40 अवैध गिट्टी के डिपो साधु मठिया, हीरानंद, प्यालापुर (शंकर गली), कडुआ पहाड़, रिफातपुर मोड़, जगदीशपुर मोड़, मजरोही, पशाहीचक मोड़, पकड़ी, अम्मा पाली, परसवन्ना आदि क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं. इनमें टी यादव, बीबी महतो, पी तिवारी, एम कुमार, एम पांडेय, एस सिंह समेत अन्य कई संचालक शामिल हैं.

ग्रामीण सड़कों से होती है तस्करी

मिर्जाचौकी (झारखंड) से भागलपुर जिले में गिट्टी की तस्करी मुख्य मार्ग (एनएच 80) से नहीं, ग्रामीण सड़कों से होती है. अवैध गिट्टी लदे वाहनों का प्रवेश चार प्रमुख ग्रामीण रास्तों से होता है. पहला बाबूपुर दियारा, दूसरा गौरीपुर से प्यालापुर, तीसरा नामनगर से झुरकुसिया व चौथा रास्ता भगइयां से मथुरा-सीमानपुर होते हुए बाराहाट. इस दौरान दादर, दानापुर, गौरीपुर, झुरकुसिया, शामपुर, श्रीनगर, रिफातपुर, सोनराचक, प्यालापुर, हथमरवा, किसीचक आदि क्षेत्रों से गाड़ियां गुजरती हैं. अवैध गिट्टी व पत्थर से लदी गाड़ियों (ट्रैक्टर) से इन गांवों में तीन से चार जगह दबंग युवकों द्वारा प्रति गाड़ी 50 से 100 रुपये की वसूली की जाती है.

ट्रैक्टर से माल मंगवाने में सबसे ज्यादा फायदा अवैध डिपो संचालकों को होता है. क्योंकि ट्रैक्टर से गिट्टी की ढुलाई पर माइनिंग चालान का खर्च बच जाता है. वहीं ट्रैक्टर मालिकों की भी दिन में दो-दो बार फेरी लगाने से भाड़ा के रूप में मोटी कमाई हो जाती है. जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में 200 से अधिक ट्रैक्टर इस कार्य में लगे हुए हैं. ओवर लोड गाड़ियों के परिचालन व गिट्टी की ढुलाई से क्षेत्र की कई ग्रामीण सड़कें जर्जर हो चुकी हैं. सड़कों की वर्तमान स्थिति ऐसी हो गयी है कि गाड़ियों से तो दूर, बल्कि पैदल चलना भी दूभर हो गया है. सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं.

कहां हो रही सर्वाधिक गिट्टी की खपत

भागलपुर जिले के विभिन्न अवैध डिपो से सर्वाधिक गिट्टी पूर्णिया, नवगछिया, बिहपुर, खगड़िया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, बेगुसराय, सीतामढ़ी, मानसी व फारबिसगंज आदि जगहों पर भेजी जा रही है. इसके अलावा बिहार में जहां-जहां फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. उन इलाकों में भी गिट्टी आपूर्ति की बात कही जा रही है.

..और ऊंची कीमतों पर होती है गिट्टी की बिक्री

मिर्जाचौकी (झारखंड) स्थित प्रत्येक पत्थर मील पर यह सूचना चिपकायी गयी है कि छोटी गाड़ियों अर्थात ट्रैक्टर को गिट्टी नहीं दी जायेगी. इसके बावजूद संचालकों द्वारा छोटी गाड़ियों को धड़ल्ले से अवैध तरीके से गिट्टी की आपूर्ति की जा रही है. इसमें स्थानीय प्रशासन व माइनिंग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता.

इसके लिए प्रत्येक ट्रैक्टर मोटी रकम की वसूली की जाती है. इसके पश्चात ऊंची कीमतों पर यही माल पुन: डिपो संचालक बाहरी गाड़ियां, जो पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, अररिया, किसनगंज आदि जगहों से आते हैं, उन्हें बेचते हैं. इन गाड़ी मालिकों को अवैध डिपो से माल लेने में दो फायदे होते हैं. पहला इन्हें माइनिंग चालान नहीं लेना पड़ता व दूसरा समय की बचत, जो पत्थर मील (क्रशर) पर जाते समय घंटों जाम में फंसने से लगता है.

मिर्जाचौकी-पीरपैंती में 2000 तक वसूली

मिर्जाचौकी से पीरपैंती के बीच प्रत्येक गिट्टी गाड़ियों से होनेवाली 2000 रुपये की वसूली में 500-500 रुपये स्थानीय पुलिस व जनप्रतिनिधि के नाम पर वसूली जाती है. इसके साथ ही कई थानों का रेट फिक्स है. पीरपैंती के साधुमठिया नो-इंट्री के पास प्रत्येक दिन वसूली के लिए एक व्यक्ति (चौकीदार राजू, खानपुर) तैनात रहता है, जबकि वहां से महज कुछ ही दूरी पर आधा दर्जन से अधिक अवैध गिट्टी डिपो संचालित हो रहे हैं. वहां से प्रत्येक गाड़ियों से थाना के नाम पर 100-100 रुपये की वसूली होती है. ट्रैक्टर से आनेवाले माल (गिट्टी) हाफ इंची, फाइव-एट, हरी, पलटा आदि शामिल हैं.

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