भागलपुर : कनार्टक हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एमआई अरुण अपनी पत्नी वैशाली अरुण, श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र पहुंचे. वहीं न्यायमूर्ति नरेंद्र जैन, चेयरमैन, नेशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट एवं उनकी पत्नी तथा मनोज केजरीवाल, सेक्रेटरी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भी श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र पधारे.
उन्होंने मंदिर में भगवान वासुपूज्य की पद्मासन प्रतिमा के समक्ष अष्ट द्रव्य अर्पण किया. मंदिर में स्थित प्राचीन प्रतिमाओं का अवलोकन कर बताया कि भगवान आदिनाथ की प्रतिमा उत्कल शैली की है. ऐसी प्राचीन प्रतिमा भुवनेश्वर के पास जैन तीर्थ स्थल खंडगिरि और उदयगिरि पहाड़ी पर भी स्थित है. सिद्ध क्षेत्र के मंत्री सुनील जैन ने आगत अतिथियों का स्वागत किया और सभी को मंदिर परिसर का अवलोकन कराया तथा उन्हें विस्तार से यहां के इतिहास से परिचित कराया. सभी अतिथि कांच की सुंदर कलात्मक नक्काशी, श्रीपाल मैना सुंदरी उद्यान और सिद्ध क्षेत्र की स्वच्छता एवं भव्यता से बड़े प्रभावित हुए.
भगवान वासुपूज्य की प्रतिमा के विषय में उन्होंने कहा कि इसको देख कर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला स्थित भगवान बाहुबली की स्मृति हो जाती है. उन्होंने कहा प्रतिदिन कुछ ना कुछ परोपकार का कार्य अवश्य करें. सफल और आदर्श मानव बन कर अपने राष्ट्र का गौरव बढ़ाएं. संस्कृति की रक्षा संस्कारों से संभव है. धन से बड़प्पन मानना न्यायोचित नहीं है.
न्यायमूर्ति नरेंद्र जैन, अध्यक्ष राष्ट्रीय अल्पसंख्यक एजुकेशनल आयोग ने कहा, यहां सिद्ध क्षेत्र का वातावरण प्रभावित करता है. यह विश्व की एक अनुपम धरोहर है. हमें एक दूसरे का आदर करना चाहिए. इस अवसर पर अभिषेक जैन बांसवाड़ा, यशवंत मुंबई, नीरज होशंगाबाद, अभय कुमार गुना, अक्षय जैन, पुणे, संदीप गंगवाल अजमेर, अशोक लोहारिया जयपुर से पहुंचे थे.