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TMBU भागलपुर: पूर्व कुलपति की विधवा बकाये के लिए 3 साल से लगा रहीं चक्कर, कहा- पैसा नहीं सम्मान की है बात

बिहार के भागलपुर जिले के तिलकामांझी विश्विद्यालय के बेहद फेमस कुलपति रहे नलिनी कांत झा. उनके देहांत के बाद अब पत्नी सरोज झा बकाये के लिए तीन साल से उसी यूनिवर्सिटी का चक्कर काट रही हैं जहां कभी उनके पति से ही सिस्टम था.

आरफीन जुबैर, भागलपुर

‘क्या ईमानदारी से काम करने की यही सजा है? क्या जन्मभूमि से लगाव की यही सजा है?’ गमी व गुस्से से भरी सरोज झा के पास ऐसे सवालों की सूची लंबी है. कौन सरोज झा? तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पूर्व कुलपति स्वर्गीय नलिनी कांत झा की विधवा सरोज झा. जो दिवंगत कुलपति के बकाया के लिए तीन सालों से विश्विद्यालय का चक्कर लगा रही हैं.

पति की बकाया राशि लेने काट रही विश्विद्यालय के चक्कर

पूर्व कुलपति प्रो नलिनी कांत झा का निधन पांच नवंबर, 2018 को भागलपुर के एक निजी अस्पताल में हृदय गति रुक जाने से हो गया था. उनके एरियर का भुगतान अब तक नहीं कर पाया है. प्रो झा की पत्नी पांडिचेरी में रहती हैं. पेंशन पर आश्रित हैं. पिछले तीन वर्षों में दर्जन बार पति की बकाया राशि 12 लाख 36 हजार 630 रुपये के भुगतान को लेकर टीएमबीयू का चक्कर लगा चुकी श्रीमती झा बार-बार भावुक हो उठती हैं.

बात पैसे की नहीं, सम्मान की है- सरोज झा

प्रभात खबर से बातचीत में कहती हैं- ‘एक विवाहिता के लिए पति से बड़ा धन क्या हो सकता है? पति का साथ छूट गया. इससे बड़ा दर्द और क्या होगा? पूरी दुनिया का धन भी पति की कमी नहीं पूरी कर सकता. 12.36 लाख रुपये बड़ी राशि नहीं. यह सम्मान की बात है. यह संघर्ष पैसे से बढ़कर सम्मान के लिए है. सवाल यह है कि जिस व्यक्ति ने जिस संस्थान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उस संस्थान की उस व्यक्ति के परिवार के प्रति क्या संवेदना है? क्या जिम्मेदारी है? कोर्ट जा सकती हूं, लेकिन नहीं जाना चाहती, क्योंकि मेरे पति टीएमबीयू से भावनात्मक रूप से जुड़े थे.’

बड़ा सवाल : आम कर्मियों का क्या होता होगा?

पूर्व कुलपति की पत्नी सरोज झा ने वर्तमान कुलपति प्रो जवाहर लाल से आग्रह किया है कि बकाया एरियर करीब 13 लाख का भुगतान करवाया जाये. उनकी कोई नहीं सुन रहा है. फाइल कहां है, यह भी विवि के लोगों द्वारा नहीं बतायी जाती है. सरोज झा ने बताया कि पति के निधन के बाद से कई कुलपति को एरियर के भुगतान के लिए आवेदन दिया. यहां तक की बेटा भी उन कुलपतियों से मिला. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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22 सितंबर, 2021 को उन्होंने तत्कालीन कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता को आवेदन भेजा था. बेटा ने फिर से एरियर भुगतान के लिए विवि के अधिकारी को आवेदन दिया. अभी तक कुछ नहीं हुआ. इस मामले में बड़ा सवाल यह कि जब एक कुलपति के बकाया का भुगतान करने में वर्षों लग जाते हैं, तो आम कर्मियों के बकाये के भुगतान में उन्हें कितने दफ्तर भटकने पड़ते होंगे. इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

बोले वर्तमान कुलपति

मामले की मुझे जानकारी नहीं मिली थी. जैसे ही मेरे पास फाइल आयेगी, तुरंत उस पर काम होगा. उनके एरियर से संबंधित फाइल पर काम नहीं होना पदाधिकारी की संवेदनहीनता को दर्शाता है.

प्रो जवाहरलाल, कुलपति, विवि

पदभार के 18 माह बाद हो गया था निधन

प्रो नलिनी कांत झा ने 23 मार्च, 2017 को कुलपति का पदभार ग्रहण किया था. 18 माह बाद सेवाकाल के दौरान ही पांच नवंबर, 2018 को भागलपुर के एक निजी अस्पताल में हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया था. महज 59 वर्ष की उम्र में उनके निधन की घटना ने विवि के तमाम कर्मियों को हिला कर रख दिया था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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