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माइनिंग क्षेत्र से पुलिस के जरिये पंकज मिश्रा के लिए होती थी वसूली, सेवानिवृत्त दारोगा ने किया खुलासा

निराला ने इडी को दिये बयान में यह कहा है कि वह विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को जानते हैं. साहिबगंज में उनका काफी प्रभाव है. वहां के हर सरकारी विभाग में उनका दबदबा है.

Jharkhand News: साहिबगंज में पुलिस जरिये पंकज मिश्रा के लिए वसूली होती थी. पंकज की बात नहीं माननेवाले पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया जाता था. साहिबगंज से सेवानिवृत्त दारोगा राम हरीश निराला ने इडी को दिये गये अपने बयान में यह बात कही है. निराला साहिबगंज में तालझारी, मुफ्फसिल और मिर्जा चौकी, कटाल पोखर थाना के प्रभारी रह चुके हैं. पंकज मिश्रा पर इस पुलिस अधिकारी के पांच लाख रुपये हड़पने का भी आरोप है.

निराला ने इडी को दिये बयान में यह कहा है कि वह विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को जानते हैं. साहिबगंज में उनका काफी प्रभाव है. वहां के हर सरकारी विभाग में उनका दबदबा है. साहिबगंज में सभी टोल टेंडर, पत्थर खदानों और उससे संबंधित क्रशर, ट्रक और पानी जहाज पर उनका पूरा नियंत्रण है. जिले में ट्रांसफर-पोस्टिंग भी उन्हीं की देख रेख में होता है. साहिबगंज में उनके कार्यकाल के दौरान पत्थर खदान, ट्रक, क्रशर, पानी जहाज भी पंकज के संरक्षण में ही उनके सहयोगियों द्वारा संचालित किये जाते थे. साहिबगंज के पूर्व डीएसपी प्रमोद मिश्रा पंकज मिश्रा के करीबियों में से एक हैं.

इनकी निगरानी में साहिबगंज में जितने भी ट्रक चलते है, उससे वहां की पुलिस के जरिये पैसा वसूला जाता था. यह पैसा पंकज मिश्रा के पास पहुंचता था. अगर कोई पुलिसकर्मी पंकज मिश्रा का आदेश नहीं मानता था, तो पंकज के कहने पर पुलिस के आला अफसर द्वारा संबंधित पुलिसकर्मी का ट्रांसफर कर दिया जाता था. निराला ने अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए यह कहा कि पत्थरों का अवैध खनन और ढुलाई पंकज के संरक्षण में होता था. पंकज मिश्रा के सहयोगी अपराधी प्रवृत्ति के थे. पंकज मिश्रा व उसके सहयोगियों के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें आती थीं. हालांकि, इन शिकायतों पर कोई किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकता था.

पुलिस पदाधिकारियों को पंकज मिश्रा और उसके सहयोगियों की बात माननी पड़ती थी

पंकज की बात नहीं मानी, तो पुलिस लाइन में तबादला करा दिया : इडी को दिये अपने बयान में सेवानिवृत्त दारोगा ने अवैध खनन रोकने के दौरान खुद पर पड़े दबाव का उल्लेख किया है. उन्होंने बताया कि कोटाल पोखर थाना क्षेत्र में इकबाल शेख नामक व्यक्ति अवैध खनन कर रहा था. जिस जमीन पर अवैध खनन किया जा रहा था, उस पर ग्रामीण अपना दावा कर रहे थे.

इस विवाद की वजह से उन्होंने जमीन पर धारा 144 लगाने की रिपोर्ट एसडीओ को भेजी. इससे पंकज मिश्रा नाराज हो गये. वह ग्रामीणों को मार कर भगाने और इकबाल शेख को मदद करने का निर्देश दे रहे थे. उनकी बात नहीं मानने की वजह से उनका तबादला पुलिस लाइन कर दिया गया. कोटाल पोखर में पदस्थापन के दौरान ही पंकज मिश्रा व डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने ओवरलोडेड ट्रकों की गिनती करवायी. इन ओवर लोडेड ट्रकों से पंकज मिश्रा और प्रमोद मिश्रा कमीशन चाहते थे.

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