पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जा रही प्रथम चरण की तृतीय स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र शुक्रवार को वायरल हो गया. सुबह 10 बजे परीक्षा शुरू हुई और 11.09 बजे ही प्रश्नपत्र के कई पन्ने वाइरल होकर व्हाट्सएप और विभिन्न सोशल मीडिया नेटवर्क पर घूमने लगे.
आयोग को प्राप्त वायरल प्रश्नपत्र के पन्नों को मिलान जब पूछे गये प्रश्नपत्र से किया गया तो यह उससे पूरी तरह मैच हो रहे थे. अब आयोग ने मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को साैंप दी है. इससे पहले पाली में ली गयी प्रथम चरण की परीक्षा के रद्द होने की आशंका बढ़ गयी है. यह परीक्षा दो पालियों में 38 जिलों के 528 परीक्षा केंद्र पर संपन्न हुई. इसमें छह लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की व्यवस्था की गयी थी.
आर्थिक अपराध इकाई के अनुसंधान में उस परीक्षा केंद्र का पता चल गया जहां से परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के पन्ने बाहर आये थे. मामले की सघन जांच चल रही है . अपुष्ट सूत्रों की मानें तो सुबह 10.38 से ही पन्ने बाहर आने लगे थे और परीक्षा समाप्त होने से पहले तक सारे पन्ने बाहर आ गये.
इसमें प्रारंभिक जांच में कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी सामने आ रही है और उन्हीं के द्वारा सबसे पहले इन प्रश्नों के पन्नों को दूसरों को भेजने का काम हुआ . हालांकि मामले के बारे में अभी इओयू के द्वारा आधिकारिक रुप से कुछ नहीं कहा गया है और इसकी सधन जांच चल रही हे. जल्द ही मामले में कुछ लोगों से पूछताछ भी हो सकती है जिनमें कोचिंग संचालक भी शामिल हैं.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि आयोग को प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्न पुस्तिका के जो पृष्ठ व्हाट्सएप पर प्रसारित किये गये उसका समय 11:09 बजे सुबह के बाद का है. परीक्षा केंद्रों के आसपास इन प्रश्नों के उत्तर का आदान-प्रदान किसी स्तर पर परीक्षा की अवधि के दौरान करने की बात सामने नहीं आया है. यदि प्रमाण मिला तो प्रथम चरण की परीक्षा रद्द करने में देर नहीं की जायेगी.
द्वितीय पाली की परीक्षा में प्रश्न पत्र वायरल होने का कोई प्रमाण अब तक नहीं मिला है . शनिवार को होने वाली तीसरे चरण की परीक्षा भी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी.