मोतिहारी. मन में लगन हो और पक्का इरादा हो तो कोई भी मुश्किलें कामयाबी पाने में बांधा नहीं बन सकती है. कुछ ऐसे ही कहानी है कि नौतन के सिकंदर प्रसाद की. सिकंदर का एक पैर हादसे में कट गया था. बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज वह सिर्फ एक पैर से न सिर्फ बाइक चलाते हैं, बल्कि वनपोषक का दायित्व निभाते हुए मनरेगा के पौधों की देखभाल करते हैं. यकीनन सिकंदर की यह कहानी अन्य दिव्यांगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. सिकंदर ने बताया कि वर्ष 1994 में वे दिल्ली मजदूरी करने गये थे. जहां क्रेन की चपेट में आने से उनका दाहिना पैर कट गया.
पहले तो उन्हें लगा कि अब वें कुछ नहीं कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने परिश्रम करना शुरू किया. करीब पांच माह पहले मनरेगा पीओ कुमार चंद्र शेखर से रोजगार की अपील पर उन्हें मनरेगा पौधों की देख रेख के लिए वनपोषक के रूप में बहाल कर दिया गया. दिव्यांग सिकंदर प्रसाद अपने बाइक चला कर प्रति दिन पौधों की देखभाल करते हैं. बता दें कि सिकंदर को एक पुत्री प्रियाराज, पुत्र राहुल राज और रोहित राज हैं. तीनों बच्चों को शिक्षा दीक्षा और पालन पोषण में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. बेटी स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं. सिकंदर को एक पैर से बाइक चलाते हुए हर कोई हतप्रभ रह जाता है.
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एक पैर के सहारे सिकंदर को बाइक चलाते देख डीएम कुंदन कुमार भी हैरान रह गये. डीएम कुंदन कुमार और डीडीसी अनिल कुमार गत माह सितंबर में नौतन अंचल के धूमनगर में मनरेगा पौधों के प्लांटेंशन के लिए जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान दिव्यांग वनपोषक सिकंदर को बाइक चलाते डीएम ने देखा. धूम नगर में लहलहा रहे मनरेगा पौधों को देख डीएम, डीडीसी और अन्य अधिकारियों ने वनपोषकों को सम्मानित करने की बात कही है.
इनपुट- राजकुमार