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कैमूर: दिसंबर माह का मूल विद्यालय में योगदान करने के बाद ही मिलेगा वेतन, DEO और DPO ने जारी किया आदेश

Education News: प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बाद तीन दिनों के अंदर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को मूल विद्यालय में योगदान करना होगा. मूल विद्यालय में योगदान करने के बाद ही दिसंबर माह का वेतन भुगतान शिक्षकों को मिलेगा.

कैमूर जिले के विभिन्न कार्यालयों व दूसरे विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर तैनात जिले के 96 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी गयी है. प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बाद तीन दिनों के अंदर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को मूल विद्यालय में योगदान करना होगा. मूल विद्यालय में योगदान करने के बाद ही दिसंबर माह का वेतन भुगतान शिक्षकों को मिलेगा. प्रतिनियुक्ति रद्द करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी सुमन कुमार शर्मा व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अमरेंद्र पांडे ने संयुक्त आदेश जारी किया है. जारी आदेश में बताया है कि जिले के अधिकतर शिक्षक अपने मूल विद्यालय में कार्यरत नहीं होकर अन्यत्र कार्यालय व विद्यालय में कार्यरत हैं.

डीइओ व डीपीओ ने जारी किया संयुक्त आदेश

ऐसी स्थिति में जिले के शैक्षणिक व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. छात्रहित व विद्यालय हित को देखते हुए आदेश जारी किया जाता है कि प्रखंड स्तर व जिला स्तर या विभिन्न किसी स्रोत से किये गये प्रतिनियुक्त पर तैनात शिक्षक की प्रतिनियुक्ति रद्द की जाती है. आदेश में बताया है कि सभी संबंधित शिक्षक शिक्षिका अपने अपने मूल विद्यालय में तीन दिनों के अंदर योगदान करना सुनिश्चित करेंगे. उक्त तिथि तक कोई शिक्षक-शिक्षिका अपने मूल विद्यालय में योगदान नहीं देते हैं, तो इसे उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना मानते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी. साथ ही संबंधित शिक्षकों का दिसंबर माह का वेतन भुगतान मूल विद्यालय में उपस्थिति विवरण के आधार पर की जायेगी.

एक शिक्षकीय विद्यालय पर नहीं लागू होगा उक्त आदेश

हालांकि, आदेश में बताया है कि यह आदेश विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किये गये एक शिक्षकीय विद्यालय में प्रतिनियुक्त किये गये शिक्षकों पर लागू नहीं होगा. वहीं, आदेश में बताया है कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय में कक्षा नौवीं के संचालन के लिए की गयी प्रतिनियुक्ति पर भी यह आदेश लागू नहीं होगा. इधर, डीइओ व डीपीओ द्वारा संयुक्त आदेश में बताया गया है कि प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बाद सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रमाण पत्र देना होगा कि मेरे प्रखंड क्षेत्र में कोई भी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर नहीं है.

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नहीं पढ़ा प्रतिनियुक्ति रद्द करने का पत्र

शिक्षा विभाग के अधिकारी सिग्नेचर करने से पहले पत्र भी नहीं पढ़ते हैं. जिस पत्र पर डीइओ साहेब हस्ताक्षर कर रहे हैं, वह पत्र कहां तक सही है. यह 22 दिसंबर को डीइओ के हस्ताक्षर से जारी किये गये दो दिसंबर तक मूल योगदान करने व प्रतिनियुक्ति रद्द करने का पत्र बता रहा है. जारी पत्र में बताया गया कि जिले के 96 शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए यह शिक्षक दो दिसंबर तक मूल विद्यालय में योगदान करना सुनिश्चित करेंगे. साथ ही पांच दिसंबर तक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रमाण पत्र देना होगा कि मेरे प्रखंड क्षेत्र में कोई भी शिक्षक शिक्षिका प्रतिनियुक्ति पर नहीं हैं. मगर, डीइओ को उक्त पत्र पर 22 दिसंबर को हस्ताक्षर किया गया है. जबकि पत्र में लिखा गया आदेश दो दिसंबर तक ही लागू है. अब सवाल यह उठता है कि 22 दिसंबर को जारी किये गये लेटर अधिकारिक रूप से सही है या पत्र में लिखा गया दिनांक गलत है.

डीपीओ ने 28 नवंबर को किया हस्ताक्षर

जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा जारी संयुक्त आदेश को देखने के बाद कई तरह के सवाल खड़ा हो रहे है. डीपीओ स्थापना द्वारा जारी उक्त आदेश के बाद भी एक महीने बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी संयुक्त आदेश पर सिग्नेचर किया गया है. जारी संयुक्त आदेश पर डीपीओ द्वारा किये गये सिग्नेचर में 28 नवंबर तिथि दी गयी है. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 22 दिसंबर को सिग्नेचर किया गया. लेकिन, जारी आदेश की कॉपी को नहीं बदला गया, जिसके चलते 22 दिसंबर को आदेश व जारी आदेश में दो दिसंबर तक शिक्षकों को मूल विद्यालय में योगदान करना है.

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में जानकारी देते हुए डीपीओ स्थापना अमरेंद्र पांडे ने कहा कि जिले में प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विद्यालयों व कार्यालयों में कार्यरत 96 शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति रद्द कर दिया गया है. तीन दिनों के अंदर मूल विद्यालय में योगदान करने का आदेश दिया गया है. तीन दिन के अंदर योगदान नहीं करने पर दिसंबर माह के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा.

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