पटना जिले में 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों में पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, पुनपुन व धनरूआ अंचल का प्रदर्शन खराब है, जबकि इस मानक पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बख्तियारपुर, अथमलगोला, दनियावां, बेलछी और घोसवरी शामिल हैं. साथ ही परिमार्जन के आवेदनों के निष्पादन में भी पटना सदर, फुलवारीशरीफ, व संपतचक अचंल का प्रदर्शन खराब है.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को जूम एप के माध्यम से अधिकारियों के साथ राजस्व मामलों की समीक्षा की और खराब प्रदर्शन करने वाले सीओ को सुधार लाने की हिदायत दी. उन्होंने दाखिल-खारिज, परिमार्जन, भू-अर्जन सहित विभिन्न मामलों में प्रगति का जायजा लिया. उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि दाखिल-खारिज के 5,90,183 आवेदनों का निबटारा किया गया है, जो कुल आवेदन के 90.77 प्रतिशत है.
इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि 17 नवंबर, 2022 से 22 दिसंबर, 2022 तक पूरे जिले में दाखिल-खारिज के निष्पादित वादों की संख्या 13,952 है, जो प्राप्त वादों का 85.36 प्रतिशत है. इस मानक पर दाखिल-खारिज के मामले में पंडारक, बिक्रम, मोकामा, बेलछी व अथमलगोला ने अच्छी प्रगति की है, जबकि संपतचक, फुलवारीशरीफ, घोसवरी, पालीगंज एवं दनियावां का खराब प्रदर्शन रहा है.
डीएम ने परिमार्जन के मामलों की समीक्षा के दौरान पाया कि 22 दिसम्बर, 2022 तक परिमार्जन के 1,92,387 आवेदनों (95.27 प्रतिशत) को निष्पादित किया गया है. परिमार्जन के आवेदनों के निष्पादन में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में फुलवारीशरीफ (88.97 प्रतिशत), पटना सदर (92.55 प्रतिशत), संपतचक (93.50 प्रतिशत), धनरूआ (93.83 प्रतिशत) व बाढ़ (95.36 प्रतिशत) शामिल है. इस मामले में बख्तियारपुर, बिक्रम, अथमलगोला, नौबतपुर, दुल्हिनबाजार, घोसवरी, बेलछी एवं पंडारक ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां पर परिमार्जन के लिए आये 98 प्रतिशत से अधिक आवेदनों को निष्पादित किया गया है.
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समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने स्पष्ट कर दिया कि राजस्व कर्मियों को सरकारी भवनों मसलन राजस्व कचहरी, पंचायत भवन या सामुदायिक भवन से ही किया जाये. किसी भी हालत में अन्य जगहों पर कार्य करने पर उसे अवैध माना जायेगा.