Kisan Diwas 2022, Chaudhary charan singh quotes, anmol vichar, suvichar, images, status, wishes, photos: किसान अपनी मेहनत से धरती का सीना चीरकर अन्न रुपी सोना उगाता है. आज़ादी के बाद किसानों की स्थिति में सुधार के लिए काफी लोगों ने काम किया था उन्हीं में से एक व्यक्ति थे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी (chaudhary charan singh), इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन किसानों के हित में समर्पित कर दिया था. उनके इसी समर्पण को सम्मान देने के लिए 23 दिसंबर 2001 से किसान दिवस की शुरुआत की गई (23 december kisan diwas) किसान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य चौधरी चरण सिंह जी को श्रद्धांजलि देना है. किसान दिवस के अवसर पर आप चौधरी चरण सिंह के कोट्स और अनमोल विचार यहां से शेयर कर सकते हैं
“जब तक किसानों की स्थिति ठीक नहीं होगी, तब तक देश प्रगति नहीं करेगा” – चौधरी चरण सिंह
“भ्रष्टाचार का अंत ही, देश को आगे ले जा सकता है।”– चौधरी चरण सिंह
असली भारत गांवों में रहता है
अगर देश को उठाना है तो पुरुषार्थ करना होगा…
हम सब को पुरुषार्थ करना होगा मैं भी अपने आपको उसमें शामिल करता हूँ…
मेरे सहयोगी मिनिस्टरों को, सबको शामिल करता हूँ …
हमको अनवरत् परिश्रम करना पड़ेगा …
तब जाके देश की तरक्की होगी
राष्ट्र तभी संपन्न हो सकता है जब उसके ग्रामीण क्षेत्र का उन्नयन किया गया हो तथा ग्रामीण क्षेत्र की क्रय शक्ति अधिक हो
किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी तब तक देश की प्रगति संभव नहीं है
किसानों की दशा सुधरेगी तो देश सुधरेगा
किसानों की क्रय शक्ति नहीं बढ़ती तब तक औधोगिक उत्पादों की खपत भी संभव नहीं है
भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है जिस देश के लोग भ्रष्ट होंगे वो देश कभी,
चाहे कोई भी लीडर आ जाये, चाहे कितना ही अच्छा प्रोग्राम चलाओ …
वो देश तरक्की नहीं कर सकता
चौधरी का मतलब, जो हल की चऊँ को धरा पर चलाता है
हरिजन लोग, आदिवासी लोग, भूमिहीन लोग,
बेरोजगार लोग या जिनके पास कम रोजगार है
और अपने देश के 50% फीसदी किसान जिनके पास केवल 1 हैक्टेयर से कम जमीन है …
इन सबकी तरफ सरकार विशेष ध्यान होगा
सभी पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों, कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जनजातियों को अपने अधिकतम विकास के लिये पूरी सुरक्षा एवं सहायता सुनिश्चित की जाएगी
किसान इस देश का मालिक है, परन्तु वह अपनी ताकत को भूल बैठा है
देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों एवं खलिहानों से होकर गुजरता है
माथे पर पसीना, पैरों में छाले हैं
ये कोई और नहीं, अन्नदाता हैं हमारे
त्याग और तपस्या की मूरत हैं
इनकी मेहनत से चमकती देश की सूरत है
चीरकर धरा का सीना, नये अंकुर उगाते हैं
उगाकर अन्न मेहनत से, हमें भोजन खिलाते हैं
कभी सूखा, कभी बारिश कभी मौसम की बेरहमी
चमक आंखों में लिए फिर भी नयी फसलें उगाते हैं
समस्या हो जटिल जितनी न माने हार ये फिर भी
नयी उम्मीद का फिर से नया सूरज उगाते हैं
हाथों में हल, आंखों में उम्मीद है
ये कोई और नहीं असली भारत की तस्वीर है।
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुभकामनाएं!
पैरों में जिसके मिट्टी हाथों में छाले हैं
ये कोई और नहीं अन्नदाता हैं हमारे।
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुभकामनाएं!
जो सूरज को भी जगाता है
वही अन्नदाता कहलाता है।
खेत में किसान, मेरा भारत महान!
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुभकामनाएं!
खेतों में पीली सरसों है लहराती
लगता है किसान की मेहनत रंग लायी है।
हैप्पी राष्ट्रीय किसान दिवस 2022