शशिभूषण कुंवर,पटना: पटना नगर निगम के मेयर पद पर सीधे चुनाव से उसकी राजनीतिक हैसियत बढ़ गयी है. एक सांसद को चुनने के लिए 1600 से 2100 तक बूथों की स्थापना की जाती है, जबकि पटना के मेयर के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 1893 बूथों की स्थापना की गयी है.
बिहार में पटना नगर निगम क्षेत्र से अधिक बूथ सिर्फ कुछ लोकसभा क्षेत्रों में ही स्थापित किया गया है. वोटरों की संख्या के हिसाब से देखा जाये, तो पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र के करीब बराबर वोटर पटना नगर निगम क्षेत्र में हैं, जो अपने मेयर का चुनाव करेंगे.
पटना नगर निगम क्षेत्र के मेयर के चुनाव के लिए कुल 1893 बूथ स्थापित किये गये हैं. अगर इसकी संख्या पटना नगर निगम क्षेत्र में पड़नेवाले चार विधानसभा क्षेत्रों से की जाये, तो मेयर पद की गरिमा का पता चलेगा.
पटना नगर निगम क्षेत्र के दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार और पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में कुल 1547 बूथ हैं. इनमें दीघा विधानसभा में 438, बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में 388, कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में 377 और पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में 344 बूथ आते हैं. ऐसे में पटना नगर निगम क्षेत्र की तुलना में चारों विधानसभा क्षेत्र के बूथों की संख्या कम पड़ जाती है.
अगर पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र को देखा जाये, तो यहां 2050 और पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र में 2007 बूथ हैं. मतदाताओं के अनुसार से देखा जाये, तो पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 19.25 लाख है, जबकि पटना नगर निगम क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 18.95 लाख है. राज्य में 27 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर हर लोकसभा क्षेत्र में बूथ की संख्या पटना नगर निगम क्षेत्र से कम है.