Varanasi: ज्ञानवापी मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के विवादित बोल पर कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इसमें पुलिस से मामले को लेकर स्पष्ट आख्या तलब की गई है.
वाराणसी में एसीजेएम पंचम एमपी एमएलए उज्जवल उपाध्याय की कोर्ट में ज्ञानवापी में वजूखाने के पास मिले कथित शिवलिंग के पास गंदगी फैलाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य पर केस दर्ज करने की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने चौक थाना पुलिस से स्पष्ट आख्या मांगी. साथ ही सुनवाई के लिए 7 जनवरी, 2023 की तिथि तय कर दी गई.
यह वाद अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल किया गया है. इस मामले में अदालत ने 156-3 के तहत दाखिल वाद को सुनवाई योग्य पोषणीय पाया था और मुकदमा दर्ज करने के मुद्दे पर सुनवाई हो रही है.
मामले में हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में अधिवक्ता आरपी शुक्ल,अजय प्रताप सिंह, घनश्याम मिश्र के जरिये कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते हैं और गंदगी फैलाई जाती है। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का स्थान है. यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है.
इसके साथ ही सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है. अधिवक्ता ने इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराए जाने की मांग की है.
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इसके साथ ही ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े छह अन्य मामलों में सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की अदालत ने सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तिथि तय की. इसमें लखनऊ के सत्यम त्रिपाठी, आशीष कुमार शुक्ला व वाराणसी के पवन कुमार पाठक, भक्त रंजना अग्निहोत्री और भगवान आदिविश्वेश्वर, साध्वी पूर्णंबा, आदिविश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग और नंदीजी महाराज की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई होनी है.