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नगर निकायों में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक, यूपी में 719 की ले चुके हैं जान, बनेंगे चुनाव में मुद्दा

यूपी की नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक है. यूपी में आवारा जानवरों के हमलों से हर दिन कोई न कोई मौत होती है. बरेली में ही बंदर के हमले से दो बच्चों की छत से गिरकर मौत हो गई थी. यही हाल वेस्ट यूपी के अन्य जिलों का है.

Barrilly News: उत्तर प्रदेश की 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका, और 545 नगर पंचायतों में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक है. यूपी में आवारा जानवरों के हमलों से हर दिन कोई न कोई मौत होती है. बरेली में ही बंदर के हमले से दो बच्चों की छत से गिरकर मौत हो गई थी. यही हाल वेस्ट यूपी के अन्य जिलों का है. इसलिए नगर निकाय चुनाव 2022 में गंदगी, जलभराव, टूटी सड़क और पेयजल के साथ ही आवारा कुत्ते और बंदर भी मुद्दा बनेंगे.

बरेली और उन्नाव में बंदर के हमले से दो की मौत

बरेली के शाही थाना क्षेत्र के दुनका में एक पिता अपने 4 महीने के मासूम बच्चे को 16 जुलाई 2022 को छत पर लेकर टहल रहा था. यहां बंदरों ने पिता के हाथ से बच्चे को छीनकर छत से फेंक दिया. इस हादसे में बच्चे की मौके पर मौत हो गई. इसी तरह 22 अक्टूबर 2022 को उन्नाव जनपद के बारावगवर के धानीखेड़ा गांव निवासी गोवर्धन यादव की पत्नी सरला देवी (62 वर्ष) छत पर कपड़े फैलाने पहुंची, तभी एक कटखने बंदर ने उस पर हमला बोल दिया. जान बचाने के लिए वह भागी ही थी कि पैर फिसलने से नीचे गिर गई. उनकी मौत हो गई.

कुत्ते और बंदरों के हमलों से 719 लोगों की मौत

फिरोजाबाद जनपद के थाना दक्षिण की नई बस्ती नंदराम चौक निवासी आशीष अग्रवाल जैन (34) अपने तिमंजिला मकान की छत पर 8 नवंबर को पक्षियों को दाना डालने गए थे. चूड़ी गोदाम स्वामी पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया. पड़ोसी की एक मंजिल नीची छत पर गिरने के बाद भी बंदरों ने पीछा नहीं छोड़ा. इस दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. इसी तरह से रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, और मुजफ्फरनगर समेत यूपी के तमाम जिलों में कुत्तों और बंदरों के हमलों से एक वेबसाइट के मुताबिक 719 लोगों की मौत हो चुकी है.

निकाय चुनाव के बहिष्कार का ऐलान

यूपी में आवारा कुत्तों और बंदरों से परेशान लोग लगातार नगर निगम और नगर पालिका में शिकायतें करते हैं. मगर, इनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. इससे लोग खफा हैं, जोकि अब आवारा कुत्तों और बंदरों से लोग काफी परेशान हो चुके हैं. नगर निकाय चुनाव में निकायों की कुर्सी पर बैठे मेयर, चेयरमैन के खिलाफ भी गुस्सा है, इनके खिलाफ मतदान होने की उम्मीद है. फिरोजाबाद में आवारा कुत्तों और बंदर के आतंक से परेशान लोगों ने नगर निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है. इसी तरह से बरेली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली में भी नगर निकाय चुनाव के बहिष्कार की तैयारी चल रही है.

शिकायतों के बाद भी नहीं पकड़े गए बंदर और कुत्ते

आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायत की है. मगर, शहर और कस्बों में आवारा कुत्ते और बंदरों की संख्या काफी बढ़ी है. इससे लोग काफी परेशान हैं. शिकायतों के बाद भी आवारा कुत्ते और बंदर नहीं पकड़े गए हैं.

ठंड में छतों पर नहीं बैठ पा रहे हैं लोग

बंदरों की दहशत में लोग अपने बच्चों के साथ घर की छत पर धूप में नहीं बैठ पा रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को मोहल्ला की दुकानों एवं स्कूल से आते जाते-समय आवारा कुत्ते और बंदर हमला करते हैं. इस कारण लोगों को काफी दिक्कत होती है.

दिल्ली एमसीडी में भी आवारा कुत्ते और बंदर बने थे मुद्दा

दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन (DMC) पर भाजपा का 15 वर्ष से कब्जा था. यहां पर भी आम आदमी पार्टी (AAP) ने गंदगी, पेयजल समस्या के साथ ही आवारा कुत्तों और बंदरों को चुनाव में मुद्दा बनाया था. जनता ने एमसीडी चुनाव में 15 वर्ष से कब्जा जमाए बैठी भाजपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया. यहां पर आप को एमसीडी की 134 सीट मिली हैं. यही मुद्दा यूपी में भी बनने जा रहा है.

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दुबई से लौटे युवक की बंदरों ने ली जान

रायबरेली जनपद के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के बेड़ारू गांव निवासी श्यामावती (50) घर की छत पर बंदरों को भगाने गई थी.18 अक्टूबर 2022 को बंदरों के दौड़ाने से महिला की मौत हो गई थी. हरदोई जनपद निवासी गोकर्ण दुबई से लौटा था. वह लॉन्ड्री का कारोबार करता था. 22 अप्रैल को ही वो अकेला दुबई से अपने पैतृक घर पर लौटा था. बंदरों ने दौड़ा लिया, जिससे उसकी गिरकर मौत हो गई.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली

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