पूजा सिंघल व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है. मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा राज्य सरकार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2000 की धारा 66(2) के तहत भेजी गयी रिपोर्ट से संबंधित है. प्रवर्तन निदेशालय ने मनरेगा घोटाले में हुए मनी लाउंड्रिंग की जांच के बाद राज्य सरकार को इससे संबंधित रिपोर्ट भेजी थी.
इसमें मनी लाउंड्रिंग के सहारे पूजा सिंघल व पारिवारिक सदस्यों द्वारा अर्जित संपत्ति का ब्योरा और लाउंड्रिंग के तरीके का उल्लेख किया गया था. इडी ने अपनी रिपोर्ट में पूजा सिंघल की गलत आमदनी की बैंकों के माध्यम से हुई लाउंड्रिंग का विस्तृत ब्योरा भेजा था. इसके अलावा पीएमएलए की धारा 50 के अधीन सीए सुमन कुमार के बयान की प्रतिलिपि भी सरकार को भेजी गयी थी. इडी ने अपनी रिपोर्ट के साथ जांच पड़ताल और पूछताछ के दौरान जिला खनन पदाधिकारियों द्वारा दर्ज बयान की प्रतिलिपि भी सरकार को भेजी थी.
इसमें वैध व अवैध खनन करनेवालों से पैसों की वसूली कर उसे सीए सुमन कुमार को पहुंचाये जाने का उल्लेख है. खनन कार्य में लगे लोगों से लाख रुपये में वसूली गयी राशि के लिए ‘किलो’ कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया है. इडी ने जिला खनन पदाधिकारियों के बयान की प्रतिलिपि सरकार को भेजी थी,
उसमें पाकुड़ के जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार, दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू, साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, रामगढ़ के जिला खनन पदाधिकारी नितेश गुप्ता, चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक और खूंटी के जिला खनन पदाधिकारी नदीम साफी का नाम शामिल है.
इडी ने पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत जांच में मिले तथ्यों और बयान से संबंधित प्रतिलिपि सरकार से साझा की थी. इस धारा के तहत किसी मामले में इडी द्वारा सूचनाएं साझा करने के बाद दोषी अभियुक्तों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करना आवश्यक है. मदन लाल चौधरी बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जानी है. इस प्रावधान के मद्देनजर सरकार की ओर से पूजा सिंघल व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है.