Mukhyamantri Pashudhan Yojana: झारखंड में ‘मुख्यमंत्री पशुधन योजना’ खस्ताहाल है. योजना का यह तीसरा साल चल रहा है, लेकिन अब तक शुरुआती साल (2020-21) की योजना पूरी नहीं हो पायी है. दूसरे साल की स्थिति भी ऐसी ही है. इधर, चालू वित्तीय वर्ष में यह योजना शुरू भी नहीं हो पायी है. तीनों साल मिलाकर इस योजना में करीब 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
किसानों को समृद्ध करने की है ये योजना
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री पशुधन योजना’ का उद्देश्य झारखंड के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करना है. इसके तहत किसानों के बीच पशुधन (गाय व अन्य पशु-पक्षी) वितरित किये जाते हैं. कोरोना काल में इस योजना की शुरुआत स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की थी. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में कुल 15831 यूनिट पशुधन बांटने का लक्ष्य था. जबकि, इसकी तुलना में मात्र 3223 यूनिट पशुधन ही वितरित किये जा सके हैं. वहीं, इस वर्ष इस योजना में नवंबर की समाप्ति तक एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है. यही स्थिति अन्य पशु और पक्षियों के वितरण का भी है.
पांच और 10 गाय की योजना में लाभुकों की रुचि नहीं
पशुपालन विभाग व गव्य विभाग ने किसानों के लिए दो, पांच और 10 गाय के वितरण की योजना बनायी है. इसमें से पांच गाय और 10 गाय की योजना की स्थिति सबसे खराब है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 816 यूनिट पशुधन (पांच गाय) वितरण की योजना थी. इसमें मात्र 105 किसानों को ही योजना का लाभ मिल सका. इसी तरह 209 यूनिट पशुधन (10 गाय) के वितरण की योजना थी. इसमें मात्र 48 किसानों को ही लाभ मिल पाया है. 5097 यूनिट पशुधन (दो गाय) वितरण की योजना थी. इसमें मात्र 1905 लाभुक ही मिल पाये हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8873 यूनिट पशुधन (दो गाय) के वितरण की योजना रखी गयी थी. इसमें 1122 लाभुक ही मिल पाये हैं.
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क्या है स्थिति (गाय वितरण)
वित्तीय वर्ष 2020-21 में नवंबर तक
स्कीम लक्ष्य प्राप्ति
दो गाय की स्कीम 5097 1905
पांच गाय की स्कीम 816 105
10 गाय की स्कीम 209 48
वित्तीय वर्ष 2021-22 में नवंबर तक
स्कीम लक्ष्य प्राप्ति
दो गाय की स्कीम 8873 1122
पांच गाय की स्कीम 655 31
10 गाय की स्कीम 181 12
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जनवरी तक चलेंगी दोनों योजनाएं
पशुपालन निदेशक शशि पी झा ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष की योजना का लाभ जो किसान लेना चाहते हैं, उनको मनरेगा का शेड भी मिल रहा है. दोनों साल की योजना जनवरी तक चलेगी. इसके बाद नये वित्तीय वर्ष की योजना आयेगी.
रिपोर्ट : मनोज सिंह, रांची