मुजफ्फरपुर. पाकिस्तान की महिला आइएसआइ एजेंट शान्वी शर्मा को देश की गोपनीय रक्षा मंत्रालय से संबंधित जानकारी भेजने के मामले में गिरफ्तार रवि चौरसिया पर दर्ज केस की जांच की रफ्तार धीमी है. कटरा पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के चार दिन बाद भी जिस एसबीआइ खाते में महिला आइएसआइ एजेंट ने रवि चौरसिया को पैसे भेजे थे, उसका सत्यापन नहीं कर पाई है. पुलिस की जांच की धीमी रफ्तार को देखकर यह आशंका जाहिर की जा रही है कि जल्द से जल्द एनआइए या आइबी की टीम शहर पहुंच कर सेंट्रल जेल में बंद रवि चौरसिया से पूछताछ कर सकती है. सेंट्रल जेल में अब तीन दिनों में उसकी कोरेंटिन अवधि पूरी हो जाएगी. इसके बाद उसे अलग वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. जेल प्रशासन भी उसकी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं.
इधर, रवि चौरसिया के जब्त मोबाइल से पुलिस को जानकारी मिली है कि वह अपने मोबाइल पर कई लड़कियों से चैटिंग करता था. इसके अलावे वह कई ऑनलाइन फ्रेंडली एप पर भी सक्रिय था. इसी दौरान वह पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट की हनी ट्रैप का शिकार हुआ था. रवि चौरसिया ने जेल जाने से पूर्व पुलिस को दिये अपने स्वीकारोक्ति बयान में भी कहा था कि ग्रेजुएशन पास करने के बाद ही रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारी वाहन निर्माण कारखाना अवाडी में लिपिक के पद पर योगदान किया था.
इसी दौरान वह सोशल मीडिया में सबसे पहले फेसबुक के माध्यम से शान्वी शर्मा जो आइएसआइ की हैंडलर थी उसके हनी ट्रैप में फंस गया. इसके बाद वह उसके चंगुल से नहीं निकल पाया. पुलिस का कहना था कि रवि चौरसिया की जब शादी हो गई तो वह शान्वी शर्मा के चंगुल से बाहर निकलना चाह रहा था लेकिन, आइएसआइ की महिला एजेंट उसको छोड़ने को तैयार नहीं थी. रवि चौरसिया ने आइएसआइ एजेंट को कितनी सूचनाएं भेजी थी. रक्षा मंत्रालय से संबंधित कौन – कौन सी सूचनाएं साझा की थी. इसकी जानकारी राष्ट्रीय एजेंसी की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी .