भागलपुर: सोमवार को शहर के चौक-चौराहों पर रुक-रुककर लग रहे जाम के कारण शहर की आवोहवा काफी खराब हो गयी. सड़क किनारे जगह जगह जमा धूल व बालू के कारण हवा में धूलकण की मात्रा काफी बढ़ गयी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार लंबे समय तक खराब हवा में रहने से लोगों को सांस की बीमारियां हो सकती हैं.
बोर्ड के अनुसार सोमवार को शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 426 रिकॉर्ड किया गया. सर्दियां शुरू होने से लेकर अबतक हवा की खराब स्थिति सोमवार को रही. भागलपुर देश के सातवां सबसे प्रदूषित शहर रहा. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हवा ठंडी होने के कारण धीरे-धीरे सतह पर आने लगती है. इस कारण वातावरण में फैले धुंए व धूल सतह के करीब आ जाते हैं. हवा चलने से स्थिति में सुधार होगा.
इधर, पछिया हवा के साथ आये पटना, बाढ़, मोकामा, बरौनी समेत पश्चिमी इलाके में स्थित महानगरों के धुंए के कारण भागलपुर शहर का प्रदूशन स्तर बढ़ता है. वहीं शहर के वाहनों व बरारी इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाले धुंए के कारण शहर की आवोहवा खराब हो गयी है.
शहर से सटे दियारे, बायपास व सबौर व सुल्तानगंज रोड में देर रात धुंध का असर भी देखा जा रहा है. हालांकि दिसंबर के अंत तक धुंध व कुहासे का हर जगह असर दिखने का अनुमान लगाया गया है. जनवरी के पहले सप्ताह से कंपकंपाती ठंड के शुरू होने के आसार हैं. बीएयू ने बदलते मौसम से खेती को लेकर किसानों को निर्देश दिया कि इस दौरान फसलों में आवश्यकता अनुसार सिंचाई कर सकते हैं. गेहूं की बुआई शीघ्र समाप्त करें, तापमान बुआई के लिए अनुकूल है. पछिया हवा चलने से खेतों का पानी सूख रहा है.