बेगूसराय. बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति यह है कि लोगों का बाहर जाना तो दूर अपने घर से भी निकलना मुश्किल हो गया है. आवारा कुत्तों के शिकार हुए अब तक बछवाड़ा, भीखमचक, अरबा, रुदौली, रानी एक पंचायत में सात लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं लगभग दो दर्जन लोग घायल हो चुके हैं. ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र की रानी दो पंचायत के शिबूटोल बहियार का है जहां सोमवार की सुबह आवारा कुत्ता काटने से दो महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी. ग्रामीणों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घायल महिला की पहचान रानी दो पंचायत के शिबूटोल गांव निवासी राम नरेश यादव की पत्नी समता देवी व सुरेश यादव की पत्नी मीना देवी के रुप में की गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त दोनों महिला शिबूटोल बहियार के खेत में काम कर रही थी. उसी दौरान बगल के खेत में घात लगाए आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. घायल महिला के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर आस पास के खेत में काम रहे लोग घटना स्थल पर पहुंचकर बड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आवारा कुत्तों के झुंड को महिला से अलग किया और ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया.
ग्रामीणों का कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक पिछले एक वर्ष से चल रहा है. लेकिन स्थानीय प्रशासन अपना पल्ला झाड़ने का काम कर रही है. पिछले सप्ताह आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर तेघड़ा एसडीओ राकेश कुमार, डीएसपी रवीन्द्र मोहन प्रसाद, बछवाड़ा अंचलाधिकारी दीपक कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी अजीत कुमार समेत बछवाड़ा थाना कि पुलिस बछवाड़ा पंचायत पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बैठक करने के बाद स्थानीय लोगों में एक आस जगी थी. ग्रामीणों को लगा कि प्रशासन आवारा कुत्तों के आतंक से जल्द निजाद दिलाने का काम करेगी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं.
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बताते चलें कि पशु चिकित्सा पदाधिकारी व ग्रामीणो का कहना है कि बहियार में धरल्ले से महुआ शराब बनाने का कारोबार खुब फल फुल रहा है जिसका नतीजा है कि कुत्ता महुआ शराब के अवशेष को खा कर आदमखोर बन जाता है और उसी दौरान आम लोगों को अपना शिकार बनाता है. ऐसी स्थिति में प्रशासन जल्द ही कोई संज्ञान नहीं लेता है तो प्रखंड के विभिन्न पंचायत के लोग स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आन्दोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे.