Jharkhand News: गोड्डा पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है. पथरगामा के थानेदार अरुण कुमार और हवलदार ब्रजेश कुमार सिंह द्वारा अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद के बाद पुलिस ने संवेदनशीलता का परिचय दिया है. प्रसव के उपरांत मृत महिला को कंधा देकर इंसानियत की मिसाल पेश किया है. महिला के शव को श्मसान पहुंचाने के साथ दाह संस्कार तक पुलिस खड़ी रही. झारखंड पुलिस ने अपने पुलिस कर्मियों के इस कार्य की सराहना की है.
खाकी का मानवीय चेहरा :: झारखंड पुलिस के जवानों ने मिलकर शव को श्मशान घाट तक पहुंचाया
गोड्डा के पथरगामा थाना प्रभारी अरुण कुमार और हवलदार ब्रजेश सिंह ने अर्थी को कंधा दिया (1/2) pic.twitter.com/arr7Q9n6Sz
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) December 19, 2022
क्या है मामला
मामला पथरगामा थाना क्षेत्र के गंधर्वपुर गांव की है. बताया जाता है कि महिला के पति श्रवण कुमार पत्नी की मौत के बाद दाह संस्कार अपने ही जमीन में करना चाह रहा था. समाज के लोगों को यह बात नागवार थी. इस पर समाज के लोगों ने शव को उठाने से इनकार कर दिया. समाज के किसी भी व्यक्ति के आगे नहीं आने की सूचना पथरगामा थाना प्रभारी को दी गयी. थानेदार ने पहल करते हुए अर्थी को कंधा देने का निर्णय लिया. इसके बाद हवलदार बज्रेश कुमार सिंह ने भी अर्थी को कंधा दिया.
सोशल मीडिया में वायरल
इस मामले के बाद थाना प्रभारी के इस कार्य को लेकर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. पुलिस सहित सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने पुलिस के इस रूप की सराहना किया. पुलिस की पीठ थपथपायी गयी. थानेदार अरुण कुमार भी इससे काफी उत्साहित दिखे. श्री कुमार ने बताया कि मृतका के दो साल की बेटी के लिए भी कुछ बेहतर सोच रहे हैं. जो आनेवाले दिनों में पूरा करने का काम करेंगे.
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झारखंड पुलिस ने किया ट्विट
पथरगामा पुलिस के इस नेक कार्य को झारखंड पुलिस ने सराहा है. अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा की खाकी का मानवीय चेहरा सामने आया. झारखंड पुलिस के जवानों ने शव को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया. बताया कि महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गयी थी.