पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने रानाघाट में सभा की थी. उस मंच से अभिषेक ने तातला-1 ग्राम के पंचायत प्रधान पार्थप्रतिम डे को इस्तीफा देने का आदेश दिया था. अभिषेक ने कहा था कि उन्हें शिकायत मिली है कि चार साल से पंचायत प्रधान ने क्षेत्र का दौरा नहीं किया है. लोगों के करीब नहीं रहते हैं. हालांकि, पंचायत प्रधान ने दावा किया कि वह पिछले चार वर्षों में 200 बार गांव का दौरा कर चुके हैं. पार्थप्रतिम डे ने कहा : मेरे प्रधान बनने के बाद पंचायत की पहली वार्षिक बैठक उसी गांव में हुई थी. यह सूचना सही नहीं है. मैं पहले दिन से पार्टी का वफादार सिपाही हूं, इसलिए पार्टी जो भी फैसला करेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा. उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है.
Also Read: कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा आदेश विश्व भारती यूनिवर्सिटी के 50 मीटर के अंदर धरना-प्रदर्शन नहीं
गौरतलब है कि चाकदा से पायराडांगा तक 34 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के पश्चिम में महानाला गांव है, पूर्व की ओर हुडाग्राम है. चाकदा-बनगांव स्टेट रोड के साथ मशरा और मथुरापुर गांव हैं. तातला-1 ग्राम पंचायत में ये चार गांव शामिल हैं. हुडाग्राम में करीब 1500 लोग रहते हैं, जिनमें से 100 आदिवासी व अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. बाकी 1400 अन्य समुदायों से हैं. आरोप है कि यहां 100 परिवारों को आवास योजना के तहत मकान नहीं मिले हैं. महनाला गांव में 1200 लोग रहते हैं. यहां करीब 800 आदिवासी हैं. अन्य समुदायों के लोगों की संख्या करीब 400 है. यहां भी 100 परिवारों को आवास योजना के तहत मकान नहीं मिलने का आरोप है. दूसरी ओर, मशरा व मथुरापुर की संयुक्त जनसंख्या लगभग 1600 है. यहां भी सैकड़ों परिवारों ने मकान नहीं मिलने की शिकायत की है.