Jharkhand News: धनबाद जिला अंतर्गत बस्ताकोला क्षेत्र की बंद घनुडीह अग्नि प्रभावित परियोजना (Ghanudih Fire Affected Project) की भूमिगत आग के बढ़ने से आसपास के दो दर्जन से अधिक घरों में दरार बढ़ गयी है. परियोजना की आग से बस्ती में गैस रिसाव होने लगी है. आग के बढ़ने से घनुडीह माडा कॉलोनी, मल्लाह बस्ती, गांधी चबूतरा, शिव मंदिर के पीछे, लालटेनगंज और घनुडीह के इलाके प्रभावित होने लगे हैं.
तेजी से बढ़ रही आग
घनुडीह परियोजना (Ghanudih Project) की आग लगातार तेजी से बस्ती और घनुडीह माडा कॉलोनी की ओर बढ़ रही है. घनुडीह माडा कॉलोनी का सर्वे भी नहीं हुआ है. एक साल पहले माडा प्रबंधन ने घनुडीह माडा कॉलोनी को असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्टिंग का आदेश दिया था, पर लोगों ने इसका विरोध किया. आग और गैस रिसाव का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है.
सर्वे पुराना पड़ चुका है
पुनर्वास नीति के तहत कागजात के अभाव में कई लोगों का बेलगड़िया में पुनर्वास नहीं हो पाया. बीसीसीएल अौर जरेडा घर के मुखिया के नाम से केवल एक आवास देने की बात कहता है, इसका विरोध करते हुए लोगों ने कहा कि जरेडा के सर्वे के समय बच्चे नाबालिग थे. अभी वे बालिग और शादीशुदा हो गए हैं. बेलगड़िया के एक आवास में बड़ा परिवार कैसे रह पायेगा. घनुडीह में एसडीओ, सीओ, जरेडा पदाधिकारी भी निरीक्षण कर चुके हैं. बीसीसीएल के आला अधिकारी भी वस्तुस्थिति से अवगत हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बीसीसीएल घनुडीह परियोजना से करीब तीन वर्ष से कोयला उत्पादन बंद है.
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बीसीसीएल प्रबंधन कर रहा मनमानी : माडा कॉलोनीवासी
दीपक, पुतुल हाड़ी, बाला हाड़ी ने बताया कि वर्षों से दर्जनों लोग घनुडीह माडा कॉलोनी, लालटेनगंज, मल्लाह बस्ती में रहते आ रहे हैं. मजबूरी में जान जोखिम में डालकर असंगठित गरीब लोग रहते आ रहे हैं. स्थानीय लोगों के साथ बीसीसीएल प्रबंधन और जरेडा भेदभाव की नीति अपनाता है. घनुडीह मल्लाह बस्ती निवासी रैयत तारा सिंह ने बताया कि बीसीसीएल प्रबंधन मनमानी कर रहा है. मेरी 21 डिसमिल रैयती जमीन है. राजा के हुकुमनामा से लेकर 2016 तक की जमीन का रसीद कटा हुआ है. कई बार बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय में प्रबंधन को कागजात उपलब्ध करा दिया है. बावजूद आज तक न जमीन का मुआवजा और न ही पुनर्वास के साथ घर मिला.
मुख्यालय को सूचित कर दिया गया है : प्रबंधक
इस संबंध में घनुडीह के परियोजना प्रबंधक राजीव झा का कहना है कि इसको लेकर वरीय प्रबंधन और मुख्यालय को सूचित कर दिया गया है. मुख्यालय को आगे का निर्णय लेना है.
रिपोर्ट : दीपक कुमार दुबे, घनुडीह, धनबाद.