नई दिल्ली/बुलढाणा/चंद्रपुर : महाराष्ट्र का कर्नाटक समेत दो अन्य राज्य मध्य प्रदेश और तेलंगाना के साथ बरसों से सीमा विवाद जारी है. लेकिन, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के 14 ऐसे विवादित गांव हैं, जहां के लोगों को इन सीमाई झगड़ों से कोई लेना-देना नहीं है. चार राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तेलंगाना) के सीमा विवाद के बीच चंद्रपुर के 14 गांवों के निवासियों की बरसों से लॉटरी लगी हुई है. वे महाराष्ट्र के साथ-साथ दो राज्य कर्नाटक और तेलंगाना की सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. मजे की बात यह है कि इन गांवों के लोगों का मतदाता पहचान पत्र भी तीनों राज्यों की सीमाओं के आधार पर बने हुए हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद ने भले ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को केंद्र में ला दिया हो, लेकिन महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा से सटे चंद्रपुर जिले के 14 विवादित गांवों में रहने वाले लोग इस बहस से बिल्कुल बेफिक्र नजर आते हैं. यह जानकर आश्चर्य होता है कि इन 14 विवादित गांवों के लोग दो-दो राज्यों की सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र बल्कि तेलंगाना सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना की सीमा से सटे महाराष्ट्र के सभी 14 विवादित गांव (महाराष्ट्र मानचित्र के अनुसार) चंद्रपुर जिले के जिवाती तालुका में स्थित हैं. इन 14 गांवों के लोग दोनों राज्यों की मतदाता सूची में शामिल हैं. परमडोली ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच वमन पवार ने कहा कि जब मैं बच्चा था, दोनों राज्यों (महाराष्ट्र और तेलंगाना) के बीच विवाद तभी से अनसुलझा है, लेकिन हम दोनों राज्यों की योजनाओं का लाभ ले रहे है. उन्होंने कहा कि 14 विवादित गांवों में 300-400 किसान हैं, जो खेतों को स्थायी पट्टा प्रदान करने वाली किसी भी सरकार के साथ जाने के लिए तैयार हैं.
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बता दें कि चंद्रपुर के इन 14 विवादित गांवों का मामला तब सामने आया, जब महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के लोगों ने खुद को मध्य प्रदेश में विलय करने की मांग उठाई. बुलढाणा के जलगांव जामोद तालुका के चार गांवों भिंगारा, गोमाल-एक, गोमाल-दो और चालिस्तापरी के लोगों ने पिछले सप्ताह जिला प्रशासन को एक पत्र लिखकर गांवों के मध्य प्रदेश में विलय की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वे पिछले 75 साल से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. बुलढाणा के गांवों के निवासियों की इस मांग से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसराज बोम्मई ने महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच हाल में दावा किया था कि दक्षिणी महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुछ गांव एक समय पानी की गंभीर समस्या के कारण कर्नाटक में शामिल होना चाहते थे. बुलढाणा के निवासियों की इस मांग के बाद चंद्रपुर के इन गांवों का मामला भी प्रकाश में आ गया.