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बिहार का सूरत बनेगा मुजफ्फरपुर, कपड़ा उद्योग की लगेंगी कई फैक्ट्री, आपको ऐसे मिलेगा रोजगार

बिहार के मुजफ्फरपुर में आर्थिक विकास की गति के साथ रोजगार के अवसर को लेकर अच्छी खबर है. टेक्सटाइल के लिये महानगरों के निवेशकों की हलचल बढ़ गयी है. इस कड़ी में दिल्ली के निवेशकों ने बेला स्थित बियाडा औद्योगिक क्षेत्र का जायजा लिया. इस दौरान निवेशकों ने हाल में शुरू हुए बैग कलस्टर को भी देखा.

बिहार के मुजफ्फरपुर में आर्थिक विकास की गति के साथ रोजगार के अवसर को लेकर अच्छी खबर है. टेक्सटाइल ( कपड़ा उद्योग ) के लिये महानगरों के निवेशकों की हलचल बढ़ गयी है. इस कड़ी में दिल्ली के निवेशकों ने बेला स्थित बियाडा औद्योगिक क्षेत्र का जायजा लिया. इस दौरान निवेशकों ने हाल में शुरू हुए बैग कलस्टर को भी देखा. विभागीय जानकारी के अनुसार कपड़ा उद्योग से जुड़े कुल 8 निवेशक थे. अच्छी बात यह है कि निवेश के लिये औद्योगिक क्षेत्र दिल्ली के उद्योगपतियों को पसंद आयी है. बियाडा के कार्यकारी निदेशक रवि रंजन प्रसाद ने बताया कि दिल्ली के निवेशकों को जगह पसंद आयी है. आपस में बैठक कर जल्द ही उद्योग के लिये प्रस्ताव देने की बात कही गयी है. बता दें कि उद्योग विभाग के प्रधान सचिव खुद इसे मॉनिटरिंग कर रहे है.

दिल्ली की बैठक में मुजफ्फरपुर के लेदर पार्क की चर्चा

कपड़ा के अलावे लेदर पार्क को लेकर भी लगातार निगरानी की जा रही है. सूबे में लेदर एक्सपोर्ट के मुद्दे पर उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने बीते रविवार को दिल्ली में चमड़ा निर्यात परिषद के साथ एक निवेशक बैठक आयोजित की. जिसमें जिसमें मुजफ्फरपुर और किशनगंज में दो लेदर पार्क बनाये जा रहे है. इसको लेकर चर्चा हुई. निवेशकों को अपडेट स्थिति के बारे में जानकारी दी गयी. प्रधान सचिव संदीप पैंड्रिक ने उपस्थित लोगों को बिहार में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिये आमंत्रित किया. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अपने ट्विटर पेज से भी इस जानकारी को शेयर किया है.उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि कपड़ा इकाइयों की स्थापना के विकल्प तलाशने के लिये दिल्ली के निवशकों ने मुजफ्फरपुर और बिहटा का दौरा किया. कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र के उद्योगपति अब बिहार को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं.

नये टेक्सटाइल व लेदर पॉलिसी का उद्देश्य

– कपड़ा व चर्म क्षेत्र के लिये एक टिकाउ पारिस्थितिक तंत्र का सृजन व सुधार

– अर्द्ध् कुशल व कुशल कपड़ा कामगार जो काम के लिये दूसरे राज्यों में चले गये है, उनके लिए बिहार में ही रोजगार सृचित करना

– नियोजन सृजन के राज्य की दृष्टि को प्राप्त करना

– होजियरी परिधान व वस्त्र प्रसंस्करण प्रक्षेत्र की बड़ी इकाइयों को प्रोत्साहन प्रदान करना

– सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को प्रोत्साहित करना

– रेशा से लेकर पहनावा तक के संपूर्ण मूल्य श्रृंखला का सृजन

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