सिल्ली के गूंज महोत्सव में झारखंडी लोककला और संस्कृति की छटा बिखर पड़ी. पांच हजार कलाकारों ने पारंपरिक छऊ नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति दी. अद्भुत दृश्य था. हर कोई भाव-विभोर. 20 मिनट तक छऊ नृत्य की प्रस्तुति के साथ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा लिया. अभी तक के रिकाॅर्ड के मुताबिक किसी बड़े राजकीय समारोह में सिर्फ 150 छऊ कलाकारों ने ही एक साथ नृत्य किया है. इधर सिल्ली स्टेडियम में छऊ कलाकारों ने मुखौटे पहनकर एक साथ कदमताल किया.
यह कार्यक्रम महिला उत्थान और नारी सशक्तीकरण को समर्पित था. मुरी टुंगरी से स्टेडियम परिसर तक नृत्य करते छऊ कलाकार समारोह स्थल पर पहुंचे. महिलाएं और कलाकार पारंपरिक वस्त्र व आभूषण पहने हुए थे. इस महोत्सव के गवाह राज्यपाल रमेश बैस बने. उन्होंने कहा : इससे पहले मैंने यूट्यूब पर ही छऊ नृत्य देखा था. आज यहां अलौकिक दृश्य देख रहा हूं. इस दौरान सिल्ली, राहे, सोनाहातू और मुरी के विद्यार्थियों ने सामूहिक नृत्य कर समा बांध दिया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने झारखंड, बंगाल और पड़ोसी राज्यों के 150 से ज्यादा छऊ नृत्य दलों को आमंत्रित किया था. इसमें राजकीय मानभूम छऊ नृत्य कला केंद्र, सिल्ली के साथ ही आसपास से बड़ी संख्या में ढोल और नगाड़ा लेकर कलाकार शामिल हुए. सिल्ली स्टेडियम में करीब 30 हजार दर्शकों के सामने कलाकारों ने छऊ कार्निवल में प्रस्तुति दी. गूंज महोत्सव में पहले दिन झॉलीवुड के कलाकारों ने देर रात तक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की. मोनू राज, आशीष तिग्गा, रोहित आरके, कैलाश, शिवानी, मनीता राज, अनमोल खलखो, कामरान ने समा बांधा.