मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य में उनके खिलाफ टेंडर मैनेज करने के मामले को लेकर चल रही इडी की जांच पर कहा कि इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, लेकिन अखबारों में देखते हैं तो दुख होता है. किसी आदमी की पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी लेनी चाहिए, तो पता चलेगा सही क्या है. पूरा तथ्य जाने बगैर लिखने से दुख होता है. हम एक जनप्रतिनिधि हैं. कोई फरियाद लेकर आता है, तो मैंने केवल फोन किया.
मेरी मंशा या ख्वाहिश होती, तो मैं दिन के 10:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक कई बार फोन करके काम के लिए बोलता, लेकिन मंशा दूसरे की खराब थी. हम पब्लिक के लिए काम करते हैं. शायद इसीलिए लगता है कि मैं बचा हुआ हूं, लेकिन आगे क्या होगा, यह मैं नहीं जानता हूं. न्यायपालिका पर विश्वास है बस.
किसी अफसर से मेरी बात ही नहीं हुई है. 20 साल का रिकॉर्ड है. पूछ लीजिए, हम किसी को फोन भी नहीं करते. मेरे विभाग का इंजीनियर जो जिला में है, उसको तक हम नहीं पहचानते. न तो उसका नंबर मेरे पास है. कोई एक भी एविडेंस हमको दे देगा, हम उसी दिन राजनीति छोड़ देंगे. इतना विश्वास के साथ कहते हैं. मैंने कभी भी किसी को प्रभावित नहीं किया.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि राज्य की 75 फीसदी आबादी तक सुविधाएं पहुंचायी जायें. सरकार दीदी बाड़ी, बिरसा हरित ग्राम जैसी कई योजनाएं लायी. सरकारी और गैरसरकारी जमीन पर पौधारोपण कराया गया. इसका उद्देश्य आनेवाली पीढ़ी को आर्थिक रूप से समृद्ध करना था. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व कांग्रेस ने जनता से कुछ वादे किये थे, उन्हें पूरा किया जा रहा है.
कृषि ऋण माफी, पुरानी पेंशन स्कीम, आंगनबाड़ी और पारा शिक्षकों की मांग, ओबीसी आरक्षण, सरना कोड, खतियान आदि मागें हमलोगों ने पूरी कर दी हैं. पहले वृद्धा और विधवा पेंशन में उम्र की सीमा थी, इसे खत्म कर दिया गया.
सरकार ने अभी कुछ नियम बनाये थे. इससे झारखंड में लोगों को रोजगार मिल रहा था. 10वीं-12वीं इसी राज्य से करनेवालों के लिए यह व्यवस्था की गयी थी. हम न्यायालय का सम्मान करते हैं. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बाधा खड़ी हुई है. न्यायालय के आदेश का अध्ययन होगा. उसके बाद रास्ता निकालने का प्रयास होगा. हिमाचल में भी इसी तरह का नियम है. इसके बावजूद जो भी कमी है, उसे दूर किया जायेगा.
संगठन में चल रहे विवाद पर मंत्री श्री आलम का कहना था कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है. कांग्रेस में पद पाने के लिए आज भी एक-दूसरे से लड़ते हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी आज भी जिंदा है और कल भी जिंदा रहेगी. कांग्रेस पुरानी पार्टी है. एक आदमी को पद मिलेगा, तो दूसरे को दुख होगा ही. कांग्रेस में जिला अध्यक्ष से लेकर प्रखंड अध्यक्ष बनने के लिए आज भी लड़ाई चलती है,
जो है जो दर्शाता है कांग्रेस आज भी जिंदा है और कभी भी स्विच कर सकता है, जैसा 1970 के बाद किया था. 2024 के आनेवाले चुनाव को लेकर मंत्री का कहना था कि मुझे लगता है कि यह बेहतर टीम है. आनेवाले समय में अच्छा फल मिलेगा. अभी हमारी सरकार गठबंधन के साथ है और आगे भी रहेगी.