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Jharkhand News: असंवैधानिक नीतियों और निर्णयों से 12 वर्षों में झारखंड के 24 हजार युवा नौकरी से हुए वंचित

हाइकोर्ट ने जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 को रद्द कर दिया है. इसके आधार पर हुई नियुक्ति व चल रही प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया गया है. इस नियमावली के तहत 13 नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी.

Jharkhand News: राज्य में बनायी जा रही असंवैधानिक नीतियों व विधि के विरुद्ध लिये जा रहे निर्णयों से युवाओं के हाथ से नौकरी निकलती रही है. कई ऐसी परीक्षाएं हुईं, जिनमें रिजल्ट जारी होने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयीं, पर नियुक्ति पत्र वितरण से पहले नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी गयी. इन नियमों के चलते राज्य के युवाओं के हाथ से रोजगार के लगभग 23 अवसर निकल गये.

वर्ष 2011 में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी थी. इससे पूर्व केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू कर दिया था. अधिनियम के अनुरूप आठवीं तक में नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया था. सरकार ने नियुक्ति के लिए जमा आवेदन के आधार पर ही शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने का निर्णय लिया. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने परीक्षा ली, जिसमें लगभग 8000 अभ्यर्थी सफल हुए. सभी सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति का निर्णय लिया गया था. असफल अभ्यर्थियों हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि परीक्षा को लेकर जारी विज्ञापन की प्रक्रिया में बीच में बदलाव किया गया. कोर्ट ने परीक्षा रद्द कर दी. सफल अभ्यर्थी हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा.

  • 2011 में टेट सफल 8000 अभ्यर्थियों की नहीं हुई नियुक्ति

  • 2016 की नियोजन नीति रद्द होने के बाद नहीं बांटे गये 4800 नियुक्ति पत्र

  • 2021 की संशोधित नियमावली के तहत चल रही 11 हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द

2016 में पूर्व की सरकार की नियोजन नीति भी हाइकोर्ट ने कर दी थी रद्द

रघुवर सरकार के कार्यकाल में राज्य में वर्ष 2016 में नियोजन नीति बनायी गयी थी. इसके तहत राज्य के 24 जिलों को अनुसूचित व गैर अनुसूचित कोटि में बांटा गया था. अनुसूचित जिलों की नियुक्तियों में शत-प्रतिशत सीट उसी जिला के अभ्यर्थी के लिए आरक्षित की गयी थी. हाइकोर्ट में इसे चुनौती दी गयी थी, हाइकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने भी नियोजन नीति को असंवैधानिक करार दिया. नियोजन नीति रद्द होने से इसके तहत चल रही 4839 नियुक्ति को रद्द कर दिया गया. इस पर जेएसएससी द्वारा जारी पत्र में इतना कहा गया था कि ‘जिनमें अब तक नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किया गया है, उन नियुक्ति प्रक्रियाओं को अपूर्ण मानते हुए सभी विज्ञापन को निरस्त किया जाता है.

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इन नियुक्तियों को किया गया था रद्द

  • कारा वाहन चालक प्रतियोगिता 84

  • उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा 518

  • विशेष शाखा आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा 1012

  • एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 1985

  • स्नातक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 1240

अब फंसी 13 परीक्षा की 11 हजार नियुक्तियां

हाइकोर्ट ने जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 को रद्द कर दिया है. इसके आधार पर हुई नियुक्ति व चल रही प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया गया है. इस नियमावली के तहत 13 नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी. इसके अलावा दो में प्रक्रिया पूरी हो गयी थी. जो नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी, उसके तहत 11 हजार नियुक्तियां होनी थीं. इनमें से कुछ नियुक्ति के लिए परीक्षा हो गयी थी. कुछ परीक्षाओं की तिथि घोषित हो गयी थी. आयोग ने पिछले दिनों जारी परीक्षा कैलेंडर भी वापस ले लिया है. पांच परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है.

कौन है जिम्मेवार

नियुक्ति की आस में गुजरती जा रही उम्र

राज्य में वर्ष 2010-11 में जो शिक्षक नियुक्ति रद्द हुई थी, वह 2015 में शुरू हुई. वर्ष 2015 के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालय में अब तक नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. हाइस्कूल में वर्ष 2016 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पायी है. प्लस टू स्कूलों में भी चार साल बाद नियुक्ति के लिए आवेदन जमा लिया गया था, जिसकी परीक्षा हाइकोर्ट के आदेश के बाद स्थगित कर दी गयी है. नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण प्राथमिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में प्रावधान किया गया है कि जितने वर्ष के बाद नियुक्ति होगी, उम्र सीमा में उतने वर्ष की छूट दी जायेगी.

JSSC नियमावली पर झारखंड हाइकोर्ट ने कई बार की गंभीर टिप्पणी

झारखंड हाइकोर्ट ने जेएसएससी स्नातक स्तर परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 को चुनाैती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कई अवसरों पर गंभीर टिप्पणियां की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई कर 18 आदेश पारित किया है.

कब क्या माैखिक टिप्पणी

  • 01.12.2021 : संशोधित नियमावली असंवैधानिक प्रतीत होती है. प्रावधान के तहत अप्रत्यक्ष रूप से शत प्रतिशत आरक्षण किया जा रहा है. मूल संचिका पेश करें. नियमावली के तहत होनेवाली नियुक्तियां केस के अंतिम फैसले से प्रभावित होंगी.

  • 27.1.2022 : ऐसा लगता है कि सामान्य वर्ग के लिए प्रावधान को अनिवार्य बना कर सरकार उन्हें झारखंड से बाहर जाकर पढ़ने से रोकना चाहती है.

  • 06.4.2022 : नियमावली बनाने का सरकार के पास आधार क्या है? भाषा की श्रेणी से हिंदी-अंग्रेजी को क्यों किया गया बाहर?

  • 11.5.2022 : नियमावली से हिंदी भाषा को हटाने का क्या आधार है? क्या ऐसा कोई सर्वे या स्टडी किया गया है, जिससे यह पता लग सके कि झारखंड में हिंदी बोलनेवालों की संख्या कम हो गयी है तथा क्षेत्रीय भाषा बोलनेवालों की संख्या अधिक हो गयी है?

  • 07.9.2022 : कोर्ट ने कहा जब आरक्षित कोटि के लोगों को राज्य के बाहर के शिक्षण संस्थानों से 10वीं व 12वीं की पढ़ाई के बाद नियुक्ति में शामिल होने की छूट दी गयी है, तो अनारक्षित वर्ग को यह छूट क्यों नहीं दी गयी?

विधि विभाग को थी आपत्ति

जेएसएससी नियमावली-2021 पर विधि विभाग की आपत्ति का तब खुलासा हुआ, जब हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान उसका अवलोकन किया. प्रार्थी रमेश हांसदा की ओर से पक्ष रखनेवाले अधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि जब विधि विभाग के पास नियमावली की संचिका आयी थी, तो उस पर विभाग ने आपत्ति जतायी थी. विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए स्पष्ट मंतव्य दिया था कि यदि इस प्रकार की नीति बनायी जाती है, तो वह संवैधानिक नहीं होगी. इस पर महाधिवक्ता ने अपनी राय देते हुए कहा था कि नीति सही है.

नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हुई, तो सहायक शिक्षक किये जायेंगे बहाल

झारखंड हाइकोर्ट द्वारा ‘जेएसएससी परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021’ को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त किये जाने पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस मामले में जरूरत पड़ी, तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जायेगी. इसकी वजह से शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हुई, तो 50 हजार शिक्षकों के रिक्त पदों पर झारखंडी युवकों की बहाली सहायक शिक्षक (पारा शिक्षक) के रूप में की जायेगी. श्री महतो शनिवार को अपने पैतृक गांव अलारगो में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

रिपोर्ट : सुनील कुमार झा/राणा प्रताप, रांची

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