Winter Solstice 2022: 22 दिसंबर को भी सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होंगे. इस दिन सूर्य की विषुवत रेखा से दूरी 23 डिग्री 26 कला और 9 विकला दक्षिण होती हैं. तो वहीं 22 दिसंबर को सायन गणना के अनुसार, सूर्य मकर राशि में शून्य डिग्री 52 कला और 5 विकला पर होता हैं. यही वजह है कि साल 21 और 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी.
विंटर सोल्सटिस के नाम से जाना जाने वाले इस दिन पर मकर रेखा यानी ट्रॉपिक आफ कैप्रीकॉर्न पृथ्वी के सबसे पास होती है और पृथ्वी अपने एक्सिस ऑफ रोटेशन पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है. यह एक खगोलीय घटना भी है. 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती है. ये किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर भूमध्य रेखा से होकर पहुंचती है जो एक बार 22 दिसंबर में और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है.
आपको बता दें कि सॉल्सटिस शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ होता है कि सूर्य अभी स्थिर है. ऐसा इसलिए क्योंकि सोल्सटिस के समय सूर्य जब अपनी दिशा उत्तर या दक्षिण की ओर बदलता है उससे पहले थोड़ी देर के लिए स्थिर हो जाता है. 22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है. साइंस के अनुसार इस दिन को दक्षिणायन भी कहते हैं. विंटर सोल्सटिस पर रात लगभग 16 घंटे की होती है.
सूर्य 21 मार्च को भूमध्य रेखा पर सीधा चमकेगा, इसलिए दोनों गोलार्ध में दिन-रात बराबर होते हैं. तो वहीं 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है. विंटर सोलस्टाइस उस समय होता है जब सूर्य मकर रेखा पृथ्वी के सबसे पास होती हैं.
जैसे विंटर सॉल्सटिस को कई जगहों पर सेलिब्रेट किया जाता है वैसे ही समय सॉल्सटिस को भी त्यौहार की तरह लोग मनाते हैं. लेकिन इसका असर बिल्कुल उलटा होता है इस दिन रात छोटी और दिन लंबी होती है.