हिंदू धर्म में उल्लू से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. स्थिति के अनुसार उल्लू का दिखना शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है. इन मान्यताओं के संबंध में कोई संगति नहीं है क्योंकि यह विशुद्ध रूप से स्थानीय और सामुदायिक मान्यताओं पर आधारित है. ऐसी मान्यताएं कभी भी शास्त्रों पर आधारित नहीं होतीं.
उल्लू को मां लक्ष्मी की सवारी है. वैसे तो लोगों का मानना है की उल्लू दिखे तो शुभ माना जाता है या उल्लू की आवाज भी शुभ होता है, लेकिन शायद ही लोग जानते हैं कि कब और उल्लू का दिखना और उसकी आवाज को शुभ माना जा सकता है. तो आइए आज जनते हैं कि उल्लू कब और किस ओर दिखे तो इसे शगुन मानते हैं.
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ऐसा माना जाता है कि अगर किसी भी घर में उल्लू बैठना शुरू कर दे तो घर में आर्थिक, संपत्ति और रिश्तों की समस्याएं आ जाती हैं.
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यदि उल्लू छज्जे या छत पर बैठकर आवाज करने लगे तो परिवार के किसी महत्वपूर्ण सदस्य की शीघ्र मृत्यु होगी
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उल्लू लगातार तीन दिन तक घर के मुख्य द्वार या दरवाजे के पास रोए तो घर में चोरी से आर्थिक या धन हानि होगी. यदि यात्रा के दौरान किसी व्यक्ति को उल्लू होम-होम की आवाज करते हुए मिले तो यह शुभ माना जाता है.
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यात्रा के दौरान उल्लू के आवाज करने का अर्थ है मनोकामना पूर्ण होगी.
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बाईं ओर उल्लू देखना या बाईं ओर से उल्लू की आवाज सुनना पुण्य और सौभाग्य माना जाता है.
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उल्लू को दाहिनी ओर देखना या उसकी आवाज सुनना अपशकुन माना जाता है. पीठ की ओर उल्लू का दिखना सौभाग्य माना जाता है.
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उल्लू को रात का राजा कहा जाता है, साथ ही माना जात है कि उल्लू में तांत्रिक शक्तियां होती है और उसे अच्छा या बुरा होने का पूर्वाभास हो जाता है.
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उल्लू एक छोटा और शांत स्वाभाव का पक्षी माना जाता है. विश्व में पाए जाने वाले उल्लुओं की प्रजाति में सबसे छोटा उल्लू होता है जो करीबन 5 से 6 इंच का होता है. इसके साथ सबसे बड़े उल्लू की लम्बाई करीबन 32 इंच तक होता है. आम तौर पर एक उल्लू का पंजा बेहद ही जहरीला और ताकतवर होते है. यह एक मांसाहारी जीव होता है जो अपने पंजे का इस्तेमाल करके शिकार करता है. इनकी आंखें बहुत बड़ी होती हैं. उल्लू एक ऐसा जीव है जो अपने सिर को करीब 270 डिग्री तक घूमा सकता है.
उल्लू को रात में जगने और दिन में सोने की आदत होती है. भारत में मात्र 2 ही प्रजाति के उल्लू पाए जाते हैं. उल्लू एकलौता ऐसा पक्षी हैं, जो रात में भी दूर से चीजों को साफ से देख सकते हैं. उनके आंखों की पुतली बहुत पतली होती है, इस वजह से इन्हें दिन की रौशनी में देखने में परेशानी होती है. यह एक आम कारण है जो बताता है की उल्लू दिन में क्यों सोता है.