मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर सर्किट हाउस में शुक्रवार को देवघर और गोड्डा की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. सभी विभागों की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद मुख्यमंत्री ने दोनों ही जिले की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि दोनों जिले के आंकड़े तो उत्साहवर्धक हैं, लेकिन ग्रामीण स्तर पर आवेदनों का निष्पादन नहीं दिख रहा है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ ग्रामीण स्तर तक नहीं पहुंचा है.
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जितने भी आवेदन आये हैं, उसका निष्पादन कागज पर दिख रहा है, लेकिन धरातल पर नहीं. मुख्यमंत्री ने दोनों ही जिले के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि मुख्य सचिव ने जो टाइमलाइन दिया गया है, उसके अंदर लक्ष्य को पूरा करें. इसमें किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाये. छात्रवृत्ति योजना हो, सुखाड़ राहत योजना हो या मुख्यमंत्री पशुधन योजना, कागज पर सभी चीजें अपडेट हैं, लेकिन निष्पादन काफी कम है.
उन्होंने कहा कि विधायक जो बातें संज्ञान में लाते हैं, उस पर अधिकारी ध्यान दें. बैठक में गृह सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा, अमिताभ कौशल, अबूबकर सिद्दकी, के श्रीनिवासन, कृपानंद झा, एबी होमकर, मंजूनाथ भजंत्री, जिशान कमर, सुभाष चंद्र जाट, नाथू सिंह मीणा सहित कई अफसर मौजूद थे.
बैठक में सीएम ने अधिकारियों को चेताया कि आप लोग भी पुरानी परंपरा के साथ चल रहे हैं. शायद आप लोग भी किसी चीज का इंतजार कर रहे हैं. सरकार की योजनाओं को अनदेखा करके आप लोग कहीं न कहीं सरकार की छवि खराब करने का कारण बन रहे हैं. उन्होंने कहा : अभी हम लोग सॉफ्टली व्यवहार कर रहे हैं. आप लोगों की कार्यशैली नहीं सुधरी, तो हमें पंचायतों तक जाना पड़ेगा. जो शिकायतें मिल रही है अब लगता है कि पंचायत तक भी हमको जाना पड़ेगा, क्योंकि पदाधिकारी योजनाओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
बैठक में समीक्षा के बाद देवघर और गोड्डा के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि कैसे लक्ष्य को कैसे प्राप्त करेंगे, हम नहीं जानते हैं, लेकिन 29 दिसंबर तक सरकार आपके द्वार के तहत जितने भी आवेदन जिन-जिन विभागों के आवेदन आये हैं, सभी का निष्पादन होना चाहिए. लोगों को जो लाभ मिलना चाहिए, उन तक पहुंचें. उपलब्धि 100 प्रतिशत करें.