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IND vs BAN Test: शुभमन गिल ने जड़ा पहला टेस्ट शतक, लेकिन इस बात को लेकर अब भी है अफसोस

टीम इंडिया के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ दिया है. गिल के बल्ले से 12 पारियों के बाद यह शतक निकला है. शतक जड़ने के बाद गिल काफी खुश दिखे, लेकिन इसमें जो 12 पारियों का समय लगा, उसको लेकर उन्हें थोड़ा अफसोस जरूर है.

भारत के पास बांग्लादेश को पहले टेस्ट मैच में हराने का पूरा मौका है. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक बांग्लादेश ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 42 रन बनाये हैं. भारत ने दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा और शुभमन गिल के शत के बाद पारी घोषित कर दी. भारत ने बांग्लादेश को जीत के लिए 513 रनों का लक्ष्य दिया. बांग्लादेश को जीत के लिए अब भी 471 रनों की जरूरत है और भारत को 10 विकेट की.

शुभमन गिल ने बनाये 110 रन

भारत के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ा है. उन्होंने 12 पारियों के बाद शतक बनाया है. युवा सलामी बल्लेबाज के लिये पहला टेस्ट शतक जड़ना विशेष अहसास था लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इसके लिये लंबा समय (12 टेस्ट) लगा. गिल ने शुक्रवार को बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती टेस्ट में भारत की दूसरी पारी में 152 गेंद में 110 रन बनाकर अपना पहला टेस्ट शतक जमाया.

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चेतेश्वर पुजारा ने भी जड़ा शतक 

अपना 12वां टेस्ट खेल रहे गिल और चेतेश्वर पुजारा (नाबाद 102 रन) के शतकों की बदौलत भारत ने दूसरी पारी दो विकेट पर 258 रन पर घोषित की. गिल ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रसारक ‘सोनी लिव’ से कहा कि मुझे खुद लगा कि पहला टेस्ट शतक आने में लंबा समय लगा. यह शतक मेरे, मेरे परिवार और मेरे दोस्तों के लिये काफी मायने रखता है जिन्होंने मेरा समर्थन किया. किसी भी खिलाड़ी के लिये यह विशेष क्षण है. पहले टेस्ट शतक तक पहुंचना मेरे लिये खास है.

गिल ने लगाये 10 चौके और तीन छक्के

गिल ने अपनी पारी के दौरान 10 चौके और तीन छक्के जमाये. यह पूछने पर कि जब वह 90 रन पर पहुंच गये थे तब शतक तक पहुंचन में नर्वस महसूस कर रहे थे तो उन्होंने कहा कि कुछ भी अलग नहीं चल रहा था. मैं बस क्षेत्ररक्षकों के हिसाब से खेल रहा था और तभी रन बनाने में सफल रहा. गिल ने कहा कि आक्रामक रवैया अख्तियार करना स्वाभाविक था. उन्होंने कहा कि पारी को तेजी देना उनकी सफलता के लिये अहम रहा. यह बहुत ही स्वाभाविक (कुछ बाउंड्री लगाकर शतक तक पहुंचना) था. जब गेंदबाज ‘राउंड द विकेट’ आता है तो थर्ड मैन और प्वाइंट के बीच की जगह खाली होती है. मैं पूरी पारी के दौरान इस जगह पर नहीं खेला था.

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