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VIDEO: कार्डियक अरेस्ट मतलब हार्ट अटैक नहीं, BAU भागलपुर के अवेयरनेस कार्यक्रम में बताया गया CPR का तरीका

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में मेदांता, पटना के डॉo राजीव कुमार और एसडीआरएफ की टीम ने कार्डियक अरेस्ट के बाद फौरन किये जाने वाले सीपीआर को विस्तार से बताया. इसके फायदे औरहार्ट अटैक से इसके अलग होने के बारे में बताया...

Bihar News: प्रदूषण की मार झेल रहे भागमभाग के इस दौर में सबों को अपने सेहत पर विशेष ध्यान देने की सलाह चिकित्सकों के द्वारा दी जाती है. इन दिनों कई लोग कार्डियक अरेस्ट की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसे कई लोग हार्ट अटैक समझ बैठते हैं. गुरुवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में मेदांता, पटना के डॉo राजीव कुमार ने एसडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर इससे जुड़ी अहम जानकारी साझा की.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में कार्यक्रम

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मुख्य सभागार में गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में हुए इस कार्यक्रम में सलाह देने मेदांता अस्पताल, पटना के चिकित्सक डॉo राजीव कुमार मार्केटिंग मैनेजर शुभलेश कुमार एवं एसडीआरएफ की टीम पहुंची.

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण बताए

इस कार्यक्रम में डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट के लक्षण क्या होते हैं. वहीं अगर कोई मरीज अचानक इसका शिकार बनता है तो बिना किसी घबराहट के फौरन उसे सीपीआर (CPR Treatment) देना क्यों जरुरी है. पूरी टीम ने उदाहरण के साथ मंच पर बताया कि किसी मरीज को Cardiopulmonary resuscitation (CPR) कैसे दिया जाता है और इसके सही तरीके क्या हैं.

सीपीआर के सही तरीके बताए

एसडीआरएफ टीम ने दिखाया कि सीपीआर के सही तरीके क्या हैं. डॉ. राजीव कुमार के दिशानिर्देशों पर पुतलों पर प्रयोग किया गया. उन्होंने बताया कि कार्डियक अरेस्ट और हर्ट अटैक में काफी अंतर है. जिससे अधिकतर लोग अंजान होते हैं और दोनों को एक ही समझ बैठते हैं.


कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से अलग

बताया कि अगर किसी मरीज की सांसे नहीं चल रही हो, पल्स बंद हो जाए, और वो अचेत यानी बेहोशी की अवस्था में हो, तो तीनों लक्षण दिखने पर समझ जाना चाहिए कि ये कार्डियक अरेस्ट का मामला है. जबकि हार्ट अटैक के केस में मरीज बिना अचेत हुए ही दिल के दौरे से जूझता है. वो हल्के सहारे के साथ खुद अस्पताल तक जाने में कई बार सक्षम हो सकता है.

सामने आ रहे अधिकतर मामले…

डॉ राजीव ने बताया कि आज जो लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें कोई व्यक्ति डांस के दौरान तो कोई अन्य कार्यक्रम में अचानक गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है वो कार्डियक अरेस्ट का ही केस होता है. अगर इस दौरान फौरन CPR दिया जाए तो उम्मीद रहती है कि उसे बचाया जा सके.

बोले जनसम्पर्क पदाधिकारी…

सबौर कृषि विश्वविद्यालय के प्राचार्य डाo एसo एनo सिंह एवं डाo आरo बीo वर्मा ने पुष्प-गुच्छ प्रदान कर सभी का स्वागत किया. विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, गैर-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों तथा बड़ी संख्या मे विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने इसमें भाग लिया. विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क पदाधिकारी डाo रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम मे शामिल सभी लोगों को मेदांता टीम द्वारा सम्मान स्वरूप “सर्टिफिकेट ऑफ पार्टीसीपेशन” भी दिया गया.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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