मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मूक-बधिर बच्चों के अभिभावकों को कोक्लियर इम्प्लांट कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और न ही उन्हें छह-सात लाख रुपये खर्च करने होंगे. मुजफ्फरपुर में ही मूक-बधिक बच्चों का इलाज हो जाएगा और वे सामान्य बच्चों की तरह बोल और सुन भी सकेंगे. मूक-बधिर बच्चों में कोक्लियर इम्प्लांट के बाद उन्हें स्पीच थेरेपी के लिए पटना या अन्य बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है.
मुजफ्फरपुर के जुड़न छपरा इलाके में जिला परिषद मार्केट के सामने नवजात शिशु श्रवण केंद्र में एडीआईपी स्कीम के तहत मूक-बधीर बच्चों की मुफ्त में कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की जा रही है. यहां अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ उनकी स्पीच थेरेपी भी करायी जाती है. यहां ओटिज्म और एडीएसडी के मरीजों की भी थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है.
इस तरह की बीमारी से जुड़ी सभी तरह जांच भी यहां होती है. इसमें पीटीए, इम्पिडेंस और बेरा टेस्ट शामिल हैं. जो लोग सुन नहीं पाते, उन्हें यहां हियरिंग एड भी उपलब्ध करायी जाती है. कान, नाक और गला रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनीत लाल बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में इस सेंटर के खुलने से आसपास के जिलों के मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उनका समय और संसाधन दोनों बचेगा.
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उन्होंने कहा कि वहीं स्पीच थेरेपिस्ट डॉ हर्षिता आदर्शी कहती हैं कि हम अपने सेंटर में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं, ताकि आसपास के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़े. उन्होंने बताया कि जितनी कम उम्र से थेरेपी शुरू करते हैं, परिणाम उतना ही अच्छा आता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.