पटना: सीनियर आइएएस संजीव हंस का डीएन टेस्ट की मंजूरी कोर्ट ने दे दी है. सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अपनी मंजूरी दे देते हुए डीजीपी को इसके लिए एक निर्देश जारी करने को कहा है. औरंगाबाद जिले की रहने वाली महिला गायत्री यादव खुद वकील भी हैं. उन्होंने होटल मौर्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संजीव हंस को बच्चे का पिता होने का दावा किया है और उपरोक्त मामले में जानकारी दी.
आइएएस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ गायत्री यादव ने पटना हाई कोर्ट में अपील की थी. महिला का दावा है कि सीनियर आइएएस संजीव हंस उसके बेटे का पिता हैं. इसका सबूत भी उनके पास है जिसमें आइएएस संजीव हंस ने स्वीकारा है कि बच्चा उसी का है. इस कॉल रिकॉर्डिंग को वे कोर्ट में पेश करेंगी.
संजीव हंस वर्तमान ऊर्जा विभाग का प्रधान सचिव महिला वकील के अनुसार अब इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने माना कि दानापुर कोर्ट ने सही तरीके से जांच कराए बिना केस को खारिज कर दिया. पूर्व विधायक गुलाब यादव और आइएएस अधिकारी संजीव हंस, दोनों का रसूख काफी बड़ा है. महिला वकील का आरोप है कि संजीव हंस के प्रभाव की वजह से पिछले एक साल से उनका कोई काम नहीं हो रहा है. धमकियां तो मुझे आज भी मिल रही हैं. कहा जा रहा है कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं होने देंगे. इसी बीच आपके साथ कोई घटना कर देंगे.
गायत्री देवी के अनुसार वह अपने बेटे की पहचान के लिए यह पूरी लड़ाई लड़ रही है. आरोप है कि 6 साल पहले झंझारपुर से राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव ने राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने के नाम पर पहली बार गन प्वाइंट पर उनका दुष्कर्म किया था. वो भी अपने घर पर. उसी वक्त मैं केस करने जा रही थी, तब उसने शादी का झांसा दिया था. आप केस मत करिये. उसने मेरा शोषण किया. इसके बाद मुझे पुणे बुलाया. खाने-पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिलाकर दूसरी बार में गुलाब यादव के साथ आइएएस संजीव हंस ने मिलकर गैंगरेप किया था.
इसके बाद भी मेरा लगातार शोषण किया. मेरा न्यूड फोटो अपने पास होने की बात कहने लगे. फोटो को वायरल करने की धमकी देने लगे. उसी दरम्यान मैं प्रेग्नेंट हुई थी. मेरे पहले बच्चे का अबॉर्शन भी ये लोग करवा चुके हैं. मेरा ये बेटा दूसरा बच्चा है. इसके अबॉर्शन के लिए भी प्रेशर बनाया गया था.