बिहार के सारण में मंगलवार की रात से शुरू हुआ संदिग्ध मौत का सिलिसिला अब तक जारी है. लोगों का कहना है कि सभी ने जहरीली शराब पी थी. इसी वजह से यहां अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी संख्या में लगातार हो रही मौत से प्रशासनिक महकमे में खलबली मची है. छपरा पुलिस के साथ साथ पुलिस मुख्यालय भी एक्शन में आ चुकी है. वहीं आज बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र भी इन मौतों की वजह से हंगामा भरा रहा.
पुलिस मुख्यालय ने भी सारण के शराब कांड को लेकर स्थानीय पुलिस को जांच संबंधी दिशा निर्देश दिये हैं. एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि 30 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. जहरीली शराब से संदेहास्पद मौत मानकर ही मामले की जांच की जा रही है. रेंज डीआइजी कैंप कर रहे हैं. प्रभावित गांवों में जाकर पूछताछ की जा रही है. बुधवार शाम तक 10 शवों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका था.
छपरा पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के अनुसार जहरीली शराब की सप्लाइ मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से हुई थी. सबसे पहले पांच लोगों ने वहीं पर शराब पी थी, जिनकी मौत हो गयी. कुछ लोगों से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि दो दिन पहले बाहर से यहां शराब की खेप आयी थी और यहीं से प्रखंड के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई हुई है. बुधवार की रात तीन जगहों पर जेसीबी लगाकर जमीन को खोदा गया, हालांकि वहां से शराब बरामद नहीं हुई है. एसपी ने बताया कि अन्य जगहों पर छापेमारी हो रही है.
एक के बाद एक संदिग्ध मौतों की सूचना मिलने के बाद छपरा सदर अस्पताल को अलर्ट मोड में रखा गया. सुबह 5.30 बजे से ही अस्पताल में बीमार लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. वहीं कुछ पीड़ित काफी खराब स्थिति में पहुंचे थे. अस्पताल परिसर में हर आधे घंटे पर एंबुलेंस पहुंच रही थी. शहर में भी दिन भर एंबुलेंस का सायरन बजते रहा. दो लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस को अलर्ट पर रखा गया था. आइसीयू में भी तीन चिकित्सकों को तैनात कर दिया गया. सुबह से लेकर देर शाम तक पोस्टमार्टम भवन के सामने भीड़ लगी रही. लगातार आ रहे एंबुलेंस के सायरन की आवाज सुनकर अन्य मरीज भी घबराये हुए दिखे. कई मरीज तो सदर अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति देख बिना इलाज कराये ही लौट गये. वहीं ओपीडी में आये मरीज घबराये हुए दिखे.