पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने तृणमूल के एक और नेता को तलब किया है. मिली जानकारी के अनुसार भाटपाड़ा नगर पालिका के उपाध्यक्ष देवज्योति घोष को तलब किया गया है. उन पर आरोप है कि देवज्योति पैसे के बदले लोगों को नौकरी दिया करता था. आरोप है कि आठवीं तक पढ़े लोगों से लाखों रुपए लेकर उन्हें नौकरी दी गई. इसके साथ ही इस मामले की जांच शुरु करने का निर्देश दिया गया है.
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देवज्योति पर यह आरोप बुधवार को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की खंडपीठ में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया. वकील दिब्येंदु चटर्जी द्वारा पूछे जाने पर पता चला कि देवज्योति प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के संपर्क में थे. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि देवज्योति शुक्रवार दोपहर एक बजे तक अदालत के समक्ष पेश हों.
इस संबंध में कोर्ट द्वारा राज्य को निर्देश दिया गया है कि यह क्षेत्र बैरकपुर के पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत आता है. स्थानीय पुलिस स्टेशन बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के निर्देश पर देवज्योति की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा. जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह भी आदेश दिया कि देवज्योति के कोर्ट में पेश नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ईडी ने तापस मंडल के घर और दफ्तर की तलाशी थी . ईडी के मुताबिक तापस मंडल पर कई संस्थान से वित्तीय लेन-देन का आरोप है . अक्टूबर 2018 से अप्रैल 2019 के बीच करीब 530 निजी कॉलेजों व शैक्षणिक संस्थानों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर 50-50 हजार रुपये लिये गये थे. लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं की गयी. ईडी ने जिन शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की थी, संभवत: उनका भी इस संस्थान से संबंध हो सकता है. ईडी इसी बात का पता लगा रही है कि तापस के शिक्षण संस्थानों और ‘मेसर्स एक्योर कंसल्टेंसी सर्विसेस’ के बीच कोई वित्तीय लेन-देन हुआ है या नहीं.
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