पटना: बिहार की राजधानी पटना में आगामी 20 दिसंबर से गंगा घाटों के कचरे को नगर निगम तौल कर साफ करेगी. प्रति क्विंटल कचरा में कितना गीला कचरा, कितना सूखा कचरा, उसमें कितना प्लास्टिक निकल रहा है, इन सब का माप-जोख कर इन्हें साफ करेगी.
नगर आयुक्त अनिमेश पराशर ने कहा है कि मंगलवार को हुई बैठक में नगर निगम ने यह निर्णय लिया है. इसका उद्देश्य शहर के लोगों को यह बताना है कि गंगा किनारे वे हर दिन कितना कचरा फेंकते हैं और किस घाट को सबसे अधिक गंदा करते हैं.
यह तब तक चलता रहेगा जब तक शहर के लोग गंगा तट पर गंदगी फैलाना बंद नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि निगम के सभी 75 सफाई निरीक्षकों को पॉश मशीन दी गयी है, ताकि वे गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना कर सकें.
गौरतलब है कि राजधानी पटना जनसंख्या घनत्व और शहरीकरण के मामले में सबसे तेजी से विकसित होने वाले भारतीय शहरों में से एक है. पटना शहर की जनसंख्या 1971 में 4,73,000 थी जो 2011 में चार गुना बढ़ कर 16.8 लाख हो गई है, बावजूद इसके इस शहर की वृद्धि ज्यादातर अनियोजित ही रही है. तेजी से विस्तार करने वाले शहर तेजी से कचरे के पहाड़ बनाने की ओर अग्रसर हैं. 2014 के एक सर्वे के मुताबिक पटना शहर का दैनिक कचरा उत्पादन लगभग 1,200 टन है जिसमें जैविक और अजैविक दोनों तरह का कचरा शामिल है.