बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को अध्यक्षीय संबोधन के साथ आरंभ हुआ. सत्र के पहले दिन विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में वित्तीय वर्ष 2022-23 की द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. द्वितीय अनुपूरक बजट 19048.9847 करोड़ की पेश की गयी. इसके साथ ही वित्त मंत्री द्वारा सदन में बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2022 भी पेश किया गया. विधानसभा सदस्यों के बीच दो अन्य विधेयकों का भी वितरण किया गया. इसमें बिहार विशेष न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 और बिहार लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2022 प्रमुख हैं.
सत्र का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ. इसके बाद अपने अध्यक्षीय संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने बताया कि वर्तमान सत्र के दौरान पांच बैठके निर्धारित हैं. इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक बजट के व्यवस्थापन पर एक दिन, राजकीय विधेयक के लिए दो दिन और गैर सरकारी संकल्प के लिए एक दिन का समय निर्धारित है. उन्होंने कहा कि एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमें राजनैतिक और आर्थिक न्याय की व्यवस्था के साथ सामाजिक न्याय की भी व्यवस्था सुनिश्चित होती है. यह व्यवस्था लोगों में सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती है. जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि आम जन की समस्याओं को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का काम करें. साथ ही जनता के हितों के लिए कानून बनाकर नीति का निर्धारण भी करें. हम पूरी शिद्दत से राज्य की समस्याओं को उजागर करें और सदन में सार्थक विमर्श करें. उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे सदन के समय का राज्य की जनता के हित में उपयोग करें.
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विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन को कतिपय जननायकों के निधन की सूचना दी और उनके प्रति सदन की ओर से एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. जिन जननायकों को श्रद्धांजलि दी गयी उनमें स्व सुभाष सिंह, स्व धनिक लाल मंडल, स्व नरेंद्र सिंह, स्व रमई राम, स्व शमशेर जंग बहादुर सिंह, स्व चंद्रबली ठाकुर, स्व उदय नारायण उर्फ फोला राय, स्व सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, स्व पार्वती देवी, स्व मोहम्द शकूर, स्व रूप नारायण झा, स्व केदार पांडेय, स्व सुशीला कपूर, स्व डा सबा अहमद, स्व राजकिशोर प्रसाद, स्व रजनीश आनंद और स्व समरेश सिंह शामिल थे.