केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि सिर्फ बिहार ही नहीं कई अन्य राज्य की जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. लोकसभा में ए गणेश मूर्ति के प्रश्न के लिखित उत्तर में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा के साथ-साथ कुछ संगठनों ने आगामी जनगणना में जाति आधारित विवरण एकत्र करने का अनुरोध किया है. नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा जाति वार जनसंख्या की गणना नहीं की है.
जातिवार जनगणना कराने की मांग
सदन में सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार ने इस दशक की जनगणना के लिए आंकड़े एकत्र करने की कोई पहल की है और क्या आंकडों के साथ- साथ जातिवार जनगणना कराने की मांग की जा रही है? इस प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जनगणना में समय-समय पर यथा संशोधित संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 एवं संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 के तहत आने वाली जातियों एवं जनजातियों की गणना की जाती है.
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जनगणना संबंधी गतिविधियों के लिये पोर्टल विकसित किया गया
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि तीन राज्यों- बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा तथा कुछ संगठनों ने आगामी जनगणना में जाति आधारित विवरण एकत्र करने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी जिसमें स्व-गणना का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि आंकड़ों को एकत्र करने के लिये मोबाइल ऐप और विभिन्न जनगणना संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन तथा निगरानी के लिये जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है. राय ने यह भी बताया कि कोविड महामारी के कारण जनगणना 2021 और संबंधित गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.
भाषा इनपुट के साथ