आरा. एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव बरी हो गए हैं. प्रथम अपर जिला सत्र के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने मंगलवार को अरुण यादव को आरोप से मुक्त करते हुए रिहाई का आदेश दिया. अरुण यादव पर यह केस उस वक्त दर्ज हुआ था जब वो संदेश से राजद के विधायक थे. अभी उसी सीट से उनकी पत्नी भी विधायक हैं.
पूर्व विधायक के अधिवक्ता राज कुमार पांडेय ने बताया कि 25 अगस्त, 2022 को कोर्ट द्वारा पूर्व विधायक अरुण यादव के खिलाफ 376 भादवि एवं पॉक्सो की धारा 4,6,8,10 के तहत आरोप का गठन किया गया था. पूर्व विधायक ने उन पर लगाये गये आरोप से इन्कार करते हुए कहा था कि उसे एक साजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. अभियोजन की ओर से नौ गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी.
वहीं, दूसरी ओर पॉस्को के विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बताया कि कोर्ट में सूचक व पीड़िता गवाही के दौरान मुकर (पक्ष द्रोही ) गयी थी. बता दें कि इसके पूर्व 16 दिसंबर, 2020 को कोर्ट द्वारा पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपित अनीता देवी, संजीत कुमार, अमरेश कुमार एवं संजय कुमार उर्फ संजय पासवान को भी रिहा कर दिया गया था. वहीं इस मामले में तीन साल से फरार अरुण यादव ने इसी वर्ष जुलाई महीने में कोर्ट में सरेंडर किया था.
बता दें कि 18 जुलाई 2019 को आरा की रहने वाली एक नाबालिग लड़की पटना से कथित तौर पर सेक्स रैकेट चलाने वाले लोगों के चंगुल से फरार हो गई थी. पीड़िता ने भाई के साथ आकर आरा में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके बाद छह सितंबर को कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया गया था. पुलिस ने पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान कराया. अपने पहले बयान में लड़की ने मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार तथा संजय कुमार उर्फ जीजा को आरोपित बताया था. तो वहीं दूसरे बयान में राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव आरोपित किए गए थे. पुलिस ने इस घटना में तेजी से कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.